बुद्धि के सिद्धान्त (Theories of Intelligence)
1. एक कारक या एक सत्तात्मक सिद्धान्त (Unitary or Monarchic Theory)
2. द्विकारक सिद्धान्त (Two factor or Bi-factor Theory)
3. त्रिकारक सिद्धान्त (Three Factor Theory)
4. बहुकारक सिद्धान्त (Multi-factor Theory)
5. समुह कारक सिद्धान्त (Group factor Theory)
6. त्रि-आयाम सिद्धान्त या बुद्धि सरंचना प्रतिमान (Three Dimensional Theory or S.I. Model)
7. बहु बुद्धि सिद्धान्त (Multiple Intelligence Theory)
8. प्रतिदर्श सिद्धान्त (Sampling or Oligarchic Theory)
एक कारक या एक सत्तात्मक सिद्धान्त (Unitary or Monarchic Theory)
बुद्धि एक इकाई कारक (Unit Factor), शक्ति या ऊर्जा (Energy) है, जो सम्पूर्ण मानसिक कार्यों (Mental Works) को प्रभावित करती है। ऐसे विचार फ्रान्स के निवासी अल्फ्रेड बिने ने सर्वप्रथम 1905 में दिए । बिने के इन विचारों का अमेरिका निवासी टरमैन (Terman), स्टर्न (Stern) तथा जर्मन के एबिंघास (Ebbinghaus) ने समर्थन किया। इन विद्वानों के अनुसार बुद्धि एक ऐसी शक्ति (Power) है, जो सभी मानसिक कार्यों को संचालित, संगठित तथा प्रभावित (Managed, Organized and Influenced) करती है। इस सिद्धान्त के अनुसार यदि किसी व्यक्ति में उच्च स्तरीय बौद्धिक योग्यताएँ (higher Intellectual Abilities) होती हैं तो वह सभी क्षेत्रों में कुशलता (Efficiency) तथा निपुणता (Proficiency) प्राप्त कर सकता है। बुद्धि रूपी इस सर्वशक्तिशाली मानसिक प्रक्रिया (Mental Process) को इन विद्वानों ने अलग-अलग नामों से पुकारा है। बिने ने बुद्धि के लिए ‘निर्णय लेने की योग्यता (Decision making ability)', स्टर्न ने 'नवीन स्थितियों के साथ समायोजन स्थापित करने की योग्यता’ (Ability to make adjustments to new situations) तथा टरमैन ने 'विचारने की योग्यता (Ability to think)' शब्दों का प्रयोग किया है।
द्विकारक सिद्धान्त( Two Factor or Bi-Factor Theory)
ब्रिटिश मनोवैज्ञानिक स्पीयरमैन (Spearman) ने 1904 में अपने प्रयोगों से यह निष्कर्ष निकाला कि बुद्धि दो कारकों (शक्तियों अथवा योग्यताओं) का से मिलकर हुई है। प्रथम कारक को उन्होंने सामान्य मानसिक योग्यता (General Mental Ability, G) तथा दूसरे कारक को विशिष्ट मानसिक योग्यता (Specific Mental Ability, S) कहा।
स्पीयरमैन के अनुसार- बुद्धि एक सर्वशक्तिमान सामान्य मानसिक शक्ति है, जो समस्या-समाधान में हमारी सहायता करती है एवं परिस्थितियों से समायोजन करने में सहायक होती है। (Intelligence is an all-powerful general mental power that helps us solve problems and adapt to situations.)
स्पीयरमैन ने स्पष्ट किया कि सामान्य योग्यता (G) व्यक्ति को सभी प्रकार के कार्यों में सहायता करती है और विशिष्ट योग्यता (S) उसे उसी कार्य में सहायता करती है जिसके लिए वह होती है। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि सामान्य योग्यता (G) एक ही होती है परन्तु विशिष्ट योग्यता (S) अनेक होती हैं। उन्होंने इन्हें क्रमशः सामान्य बुद्धि (General Intelligence) और विशिष्ट बुद्धि (Specific Intelligence) की संज्ञा दी और विभिन्न प्रकार की विशिष्ट योग्यताओं को S1, S2, S3, S4 आदि से व्यक्त किया है।
'G' कारक की विशेषताएँ (Characteristics of ‘G’ Factor)
- यह एक सामान्य मानसिक योग्यता (General Mental Ability) है जो सभी प्रकार के कार्यों के सम्पादन में सहायक होती है।
- सामान्य बुद्धि सभी व्यक्तियों में कम और अधिक मात्रा में पाई जाती है। अतः यह एक सर्वव्यापी योग्यता (Universal ability) है।
- 'G' कारक (Factor) पर प्रशिक्षण (Training) अथवा अनुभव (Experience) का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है अतः यह अपरिवर्तनीय (Irreversible) है तथा जन्मजात (In born) है।
- ‘G’ कारक मनुष्य की सफलताओं को निर्धारित करता है अर्थात् जिसमें 'G' की मात्रा जितनी अधिक होगी, वह जीवन में उतना ही अधिक सफल रहेगा।
- 'G' को व्यक्ति की सामान्य मानसिक ऊर्जा (General Mental Energy) के रूप में माना जा सकता है।
- 'S' कारक अर्थात् विशिष्ट योग्यता (Specific Ability) अनेक होती हैं।
- एक व्यक्ति में कई विशिष्ट योग्यताएँ (Specific Abilities) हो सकती हैं।
- अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग प्रकार की विशिष्ट मानसिक योग्यताएँ (Specific Mental Abilities) पाई जाती हैं।
- अलग-अलग तरह की विशिष्ट मानसिक क्रियाओं (Specific Mental Activities) के सम्पादन में अलग-अलग तरह की विशिष्ट बुद्धि की आवश्यकता होती है।
- यह बुद्धि न स्थिर (Stable) होती है और न ही जन्मजात (In born) होती है।
- 'S' कारक पर प्रशिक्षण (Training) तथा अनुभव (Experience) का किसी विशेष सीमा तक प्रभाव पड़ता है अर्थात् यह परिवर्तनीय (Convertible) है।
- किसी क्षेत्र विशेष के लिए व्यक्ति में उससे सम्बन्धित जितनी अधिक विशिष्ट बुद्धि (S) होगी वह उस क्षेत्र में उतना हीअधिक सफल होगा।
सम्बन्ध शिक्षण (Education of Relation) का अर्थ है - दो वस्तुओं (Objects) या वस्तु के भागों में सम्बन्ध का बोध (Sense) । (Understanding the relationship between two objects or parts of an object.)
विद्वानों ने स्पीयरमैन की यह बात तो स्वीकार की कि मनुष्य के कार्यों में उसकी सामान्य बुद्धि (G) और विशिष्ट बुद्धि (S) कार्य करती हैं परन्तु इस सिद्धान्त से यह स्पष्ट नहीं होता कि किसी कार्य के सम्पादन में उसकी किस बुद्धि अथवा कारक का कितना योगदान होता है? इसलिए उन्होंने इस सिद्धान्त को भी स्वीकार नहीं किया।

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