बुद्धि की प्रकृति एवं विशेषतायें (Nature and Characteristics of Intelligence)
- बुद्धि जन्मजात शक्ति है। (Intelligence is an innate power.)
- बुद्धि के उचित विकास के लिए पर्यावरण का महत्व है। (Environment is important for the proper development of intelligence.)
- योग की क्रियाओं द्वारा जन्मजात बुद्धि में वृद्धि सम्भव है। (Innate intelligence can be enhanced through yoga practices.)
- बुद्धि सीखने की योग्यता है। (Intelligence is the ability to learn.)
- बुद्धि पर्यावरण के साथ समायोजन करने की योग्यता है। (Intelligence is the ability to adapt to the environment.)
- बुद्धि अमूर्त्त चिंतन की योग्यता है। (Intelligence is the ability to think abstractly.)
- बुद्धि पूर्व अनुभवों एवं अर्जित ज्ञान से लाभ उठाने की योग्यता है। (Intelligence is the ability to benefit from past experiences and acquired knowledge.)
- बुद्धि समस्या समाधान की योग्यता है। (Intelligence is the ability to solve problems.)
- बुद्धि अनेक योग्यताओं का समुच्चय है। (Intelligence is a combination of many abilities.)
- बुद्धि संबंधों को समझने की शक्ति है। (Intelligence is the power to understand relationships.)
- बुद्धि चिंतन करने, तर्क करने और निर्णय करने की शक्ति है। (Intelligence is the power to think, reason, and make decisions.)
- बुद्धि का विकास जन्म से लेकर किशोरावस्था तक होता है। (Intelligence develops from birth to adolescence.)
- बुद्धि में आत्म निरीक्षण की शक्ति होती है । व्यक्ति द्वारा किये गए कर्मों और विचारों की आलोचना बुद्धि स्वयं करती है। (Intelligence has the power of self-observation. Intelligence itself criticizes the actions and thoughts of a person.)
बुद्धि के प्रकार (Types of Intelligence)
मनोवैज्ञानिक थॉर्नडाइक (Thorndike) ने बुद्धि के तीन प्रकार बताए थे- गामक या यान्त्रिक बुद्धि (Motor or Mechanical Intelligence), अमूर्त बुद्धि (Abstract Intelligence) और सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence)। गैरेट (Garette) ने थॉर्नडाइक की गामक अथवा यान्त्रिक बुद्धि को मूर्त बुद्धि (Concrete Intelligence) की संज्ञा दी। वर्तमान में बुद्धि के ये ही तीन प्रकार माने जाते हैं-
(1) मूर्त बुद्धि (Concrete Intelligence)—
वह बुद्धि जो मनुष्यों को वस्तुओं के स्वरूप को समझने एवं तदनुकूल क्रिया करने में सहयोग करती है (It helps humans to understand the nature of things and act accordingly.), उसे गैरेट ने मूर्त बुद्धि (Concrete Intelligence) की संज्ञा दी। मूर्त बुद्धि इसलिए कि वह मूर्त वस्तुओं को समझने एवं मूर्त क्रियाओं को करने में सहायता करती है। इस प्रकार की बुद्धि को थॉर्नडाइक (Thorndike) ने गत्यात्मक बुद्धि (Motor Intelligence) या यान्त्रिक बुद्धि (Mechanical Intelligence) कहा था। जिन बच्चों में इस प्रकार की बुद्धि की अधिकता होती है, वे वस्तुओं को तोड़ने-जोड़ने में विशेष रुचि लेते हैं। अन्य शारीरिक कार्य; जैसे-खेल-कूद एवं नृत्य आदि में भी उनकी रुचि होती है। ऐसे बच्चे आगे चलकर कुशल कर्मकार और इंजीनियर बनते हैं।
(2) अमूर्त बुद्धि (Abstract Intelligence)-
वह बुद्धि जो मनुष्यों को पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त करने में, विभिन्न तथ्यों की जानकारी प्राप्त करने में, सोचने-समझने में और समस्याओं के समाधान खोजने में सहायता करती है (It helps humans to acquire bookish knowledge, to gain information about various facts, to think and understand and to find solutions to problems.) , उसे थॉर्नडाइक ने अमूर्त बुद्धि (Abstract Intelligence) की संज्ञा दी। अमूर्त बुद्धि इसलिए क्योंकि वह अमूर्त चिन्तन-मनन और समस्या समाधान (abstract thinking and problem solving) में सहायक होती है। जिन बच्चों में इस प्रकार की बुद्धि की अधिकता होती है, वे पुस्तक अध्ययन और चिन्तन-मनन में अधिक रुचि लेते हैं। ऐसे बच्चे आगे चलकर अच्छे वकील (Lawyer), डॉक्टर, अध्यापक, साहित्यकार (writer) चित्रकार (painter) और दार्शनिक (Philosopher) बनते हैं।
(3) सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence)-
वह बुद्धि जो मनुष्यों को अपने समाज में समायोजन करने एवं सामाजिक कार्यों में भाग लेने में सहायता करती है (Helps humans adjust to their society and participate in social activities), उसे थॉर्नडाइक ने सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence) की संज्ञा दी है। जिन बच्चों में इस प्रकार की बुद्धि की अधिकता होती है वे परिवार के सदस्यों, समाज के लोगों और विद्यालय के सहपाठियों के साथ समायोजन करते हैं और सामाजिक कार्यों (Social works) में रुचि लेते हैं। ऐसे बच्चे आगे चलकर अच्छे व्यवसायी (Businessman), समाज सेवक एवं राजनेता (Social worker and politician) बनते हैं।
बहुआयामी या बहुल बुद्धि (Multi-Dimensional or Multiple Intelligence)
बहुआयामी बुद्धि का शाब्दिक अर्थ होता है, एक ही व्यक्ति के अन्दर विभिन्न प्रकार के कौशलों (Skills) का विकास होना। अर्थात् उसमें सामाजिक समझ (Social Understanding), राजनैतिक समझ (Political Understanding), समस्या समाधान (Problem Solving) से सम्बन्धित समझ तथा नेतृत्व (Leadership) का गुण इत्यादि का होना। मनोवैज्ञानिकों ने बहुल बुद्धि के बारे में निम्न परिभाषाएँ दी हैं -
केली एवं थर्स्टन ने बताया कि बुद्धि का निर्माण प्राथमिक मानसिक योग्यताओं के द्वारा होता है।
केली (Kelly) के अनुसार, - “बुद्धि का निर्माण इन योग्यताओं से होता है वाचिक योग्यता (Verbal Ability), गामक योग्यता (Motor Ability), सांख्यिक योग्यता (Statistical Ability), यान्त्रिक योग्यता (Mechanical Ability), सामाजिक योग्यता (Social Ability), संगीतात्मक योग्यता (Musical Ability), स्थानिक सम्बन्धों (spatial relations) के साथ उचित ढंग से व्यवहार करने की योग्यता, रुचि और शारीरिक योग्यता।”
थर्स्टन (Thurston) के अनुसार- “बुद्धि इन प्राथमिक मानसिक योग्यताओं (primary mental abilities) का समूह होता है प्रत्यक्षीकरण सम्बन्धी योग्यता (Perception related ability), तार्किक योग्यता (Reasoning ability) , सांख्यिकी योग्यता (Statistical Ability) समस्या समाधान की योग्यता (Problem Solving Ability), स्मृति सम्बन्धी योग्यता (Memory related ability)।”
कुछ मनोवैज्ञानिकों ने केली एवं थर्स्टन के बुद्धि सिद्धान्तों की आलोचना की, किन्तु अधिकतर मनोवैज्ञानिकों ने यह भी माना कि बुद्धि का बहुआयामी होना निश्चित रूप से सम्भव है। बहुआयामी बुद्धि होने के कारण ही कुछ लोग अनेक प्रकार के कौशलों में निपुण होते हैं।
संवेगात्मक बुद्धि (Emotional Intelligence)
सांवेगिक बुद्धि जैसे पद का प्रतिपादन सेलोवी तथा मेयर (Salovey & Mayer, 1970) ने किया, किन्तु इसकी वैज्ञानिक एवं सैद्धान्तिक व्याख्या (scientific & theoretical explanation) गोलमैन (Goleman, 1998) द्वारा दी गई है।
गोलमैन ने इस सम्प्रत्यय (Concept) की व्याख्या अपनी बहुचर्चित पुस्तक 'Emotional Intelligence: Why It Can Matter More than IQ) में की है जिसमें उन्होंने स्पष्टत: यह दावा किया कि व्यक्ति को जिन्दगी में जो सफलताएँ मिलती हैं, उनका 20% ही बुद्धि-लब्धि (Intelligence Quotient) के कारण होता है और शेष 80% सफलता का कारण (Reason for success) सांवेगिक बुद्धि (Emotional Intelligence or EQ) होता है।
गोलमैन (Goleman, 1994) ने सांवेगिक बुद्धि को परिभाषित करते हुए यह कहा है कि यह दूसरों एवं स्वयं के भावों (Emotions) को पहचानने की क्षमता तथा अपने आपको अभिप्रेरित (Motivate) करने एवं अपने सम्बन्धों में संवेग को प्रबन्धित करने की क्षमता है।
गोलमैन ने अपने सिद्धान्त में यह भी स्पष्ट किया है कि ये सांवेगिक क्षमताएँ व्यक्ति को अपनी जिन्दगी के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में सफलता प्रदान करने में काफी सहायता करती हैं, इसलिए गोलमैन ने अपने सांवेगिक बुद्धि के इस मॉडल को 'निष्पादन का सिद्धान्त'(principle of performance) कहकर पुकारना पसन्द किया है।
Very informative sir
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