व्यवहार का अर्थ (Meaning of Behaviour)
व्यवहार (Behaviour) का प्रचलन जे. बी. वाटसन द्वारा किया गया। वाटसन के अनुसार व्यवहार एक क्रिया (Action) है जिसे वस्तुगत रूप से देखा और अवलोकित किया जा सकता है। सभी प्राणी व्यवहार करते हैं, अतः मनुष्यों के अतिरिक्त पशुओं के व्यवहार का भी अध्ययन मनोविज्ञान में किया जाता है। जेम्स ड्रेवर ने लिखा है कि मानव या पशुओं के जीवन में उपस्थित होने वाली परिस्थितियों के प्रति उनकी प्रतिक्रियाओं का समग्र रूप ही व्यवहार है।
साधारण अर्थ में व्यवहार किसी उत्तेजना के फलस्वरूप अनुक्रिया होती है। व्यवहारवादियों का मत है कि बाह्य व्यवहार स्वतंत्र उत्तेजक और प्रतिक्रिया सम्बन्धों (Response Connections) की जटिल प्रणाली पर आधारित है। इनके अनुसार मानसिक क्रिया केवल बाहय उत्तेजना की अनुक्रिया मात्र है। व्यवहारवादियों ने इस तथ्य को निम्नलिखित सूत्र के रूप में व्यक्त किया है-
उत्तेजक (Stimulus) → प्राणी(Organism) → अनुक्रिया (Response)
व्यवहार शब्द के व्यापक अर्थ तथा पूर्ण स्वरूप के संदर्भ में निम्न प्रकार से व्याख्या की जा सकती है-
- वुडवर्थ (Woodworth, 1945) के अनुसार, "जीवन की कोई भी अभिव्यक्ति एक क्रिया है।" ("Any manifestation of life is activity.") और ऐसी सभी क्रियाओं के सम्मिलित रूप को व्यवहार की संज्ञा दी जा सकती है। इसलिए व्यवहार शब्द में केवल चलना, तैरना, नाचना आदि इन्द्रियजनित क्रियाएँ ही नहीं बल्कि सोचना, विचारना, कल्पना करना आदि मस्तिष्क सम्बन्धी और प्रसन्न होना, उदास होना, क्रोधित होना आदि भाव और अनुभूति सम्बन्धी क्रियाएँ भी शामिल हैं।
- मानव मस्तिष्क का चेतन ही नहीं बल्कि अचेतन और अर्धचेतन रूप भी मानव व्यवहार को प्रभावित करता है। अतः व्यवहार शब्द का क्षेत्र, प्रत्यक्ष रूप में दिखाई देने वाले ऊपरी व्यवहार तक ही सीमित नहीं है। आंतरिक अनुभवों और मानसिक प्रक्रियाओं से युक्त अप्रत्यक्ष एवं आंतरिक व्यवहार भी इसमें शामिल हैं।
- मनोविज्ञान में समस्त जीवधारियों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। इसलिए व्यवहार शब्द में केवल मानव व्यवहार ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों तथा वनस्पति वर्ग तक के व्यवहार को शामिल किया जाता है। मानव समाज में भी केवल सामान्य व्यक्तियों का नहीं बल्कि असामान्य और बच्चों, युवकों तथा प्रौढ़ों, सभी का व्यवहार 'व्यवहार' शब्द में शामिल है।
इस प्रकार से 'व्यवहार' शब्द अपने आप में बहुत व्यापक है। इसमें जीवधारियों की सभी प्रकार की जीवन सम्बन्धी क्रियाएँ सम्मिलित हैं।

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