गॉस का गणित में योगदान (Contribution of Gauss in Mathematics)
पूरा नाम - जोहान कार्ल फ्रेडरिक गॉस
स्थान - ब्रंसविक (ब्राउनश्वेग) में, डची ऑफ ब्रंसविक वोल्फेनबुटल (अब लोअर सैक्सनी , जर्मनी का हिस्सा )
क्षेत्र - गणित व विज्ञान
अकादमिक सलाहकार - Johann Fedriech Pfaff, Johann Christian Martin Bartels
इनका जन्म गरीब, कामकाजी वर्ग के माता-पिता के लिए हुआ था। उनकी मां अनपढ़ थीं और उन्होंने कभी भी उनके जन्म की तारीख दर्ज नहीं की, केवल यह याद करते हुए कि उनका जन्म पर्व के आठ दिन पहले बुधवार को हुआ था (जो ईस्टर के 39 दिन बाद होता है)। गॉस ने बाद में ईस्टर की तारीख खोजने के संदर्भ में अपनी जन्मतिथि के बारे में इस पहेली को हल किया , पिछले और भविष्य दोनों वर्षों में तारीख की गणना करने के तरीकों को प्राप्त किया। उनका नामकरण किया गया और पुष्टि की गई स्कूल के पास एक चर्च में उन्होंने एक बच्चे के रूप में भाग लिया।
गॉस एक विलक्षण बालक थे। गॉस पर अपने स्मारक में, वोल्फगैंग सार्टोरियस वॉन वाल्टर्सहॉसन ने लिखा है कि जब गॉस मुश्किल से तीन साल का था, तो उसने अपने पिता द्वारा की गई गणित की त्रुटि को ठीक किया; और यह कि जब वह सात वर्ष का था, उसने अपने 100 विद्यार्थियों की कक्षा में किसी अन्य की तुलना में एक अंकगणितीय श्रृंखला की समस्या को तेजी से हल किया । इस कहानी के कई संस्करण हैं, श्रृंखला की प्रकृति के बारे में विभिन्न विवरणों के साथ – 1 से 100 तक सभी पूर्णांकों को एक साथ जोड़ने की शास्त्रीय समस्या सबसे आम समस्या है।
योगदान (Contribution)-
- उन्होंने Modular Arithmetic पर काफी कार्य किया। Modular Arithmetic कंप्यूटर की गणनाओं में प्रयुक्त द्विआधारी प्रणाली की स्थापना में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई। इस गणित के बिना डिजीटल इलेक्ट्रोनिक्स व कंप्यूटर का कोई अस्तित्व न होता।
- गौस ने सिद्ध किया कि कोई भी पूर्णांक अधिक से अधिक तीन त्रिभुजीय संख्याओं (Triangular Numbers) के रूप में लिखा जा सकता है. ज्ञात हो की n से 1 तक की प्राकृत संख्याओं का योग त्रिभुजीय संख्या कहलाता है. जैसे 1 से 5 तक का योग 15 एक त्रिभुजीय संख्या है.।
- बीजगणित की मूल प्रमेय 'किसी भी बहुपद का कम से कम एक मूल अवश्य होता है.' को उसने सिद्ध करने में सफलता प्राप्त की. यह कठिन प्रमेय है जिसे गणित का कोई छात्र ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में पढता है. रैखिक समीकरणों को हल करने के लिए गौस ने सूत्र दिया जिसे Gauss Elimination Method नाम से जाना जाता है.।
- गौस ने उस समय खोजे गए बौने ग्रह सीरस का पथ ज्ञात किया. तत्पश्चात उसने खगोलीय पिंडों के रास्तों का अनुमान लगाने के लिए अनेकों गणितीय सूत्र ढूंढ निकाले, इसी बीच उसने नॉर्मल डिस्ट्रीब्यूशन (Normal Distribution) का कांसेप्ट दिया, जो आधुनिक सांख्यकी (Modern Statistics) का आधार है और विज्ञान के सभी क्षेत्रों में भविष्य आधारित गणनाओं में इसका इस्तेमाल होता है।
- गौस की मानसिक गणना शक्ति अत्यंत विलक्षण थी, अत्यंत मुश्किल गणना वाले सवालों के हल वह मौखिक रूप में प्रस्तुत कर देता था. गौस ने ही पहली बार अ-यूक्लिडीय ज्यामिति (Non-Euclidean Geometry) की संभावनाओं पर विचार किया. यूक्लिडीय ज्यामिति समतल सतहों की आकृतियों पर विचार करती है, जबकि अ-यूक्लिडीय ज्यामिति में रचनाओं की सतह वक्र होती है. जैसे की घडे पर बनी कोई आकृति.।
- गौस ने भौतिकविद वेबर के साथ कार्य करते हुए विद्युत तथा चुम्बक के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये, जिसमें विद्युत विभव का गणितीय मॉडल, Principle of Least Constraint इत्यादि शामिल हैं. पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के सम्बन्ध में गौस ने अनेक सूत्र खोजे तथा महत्वपूर्ण बात बताई की पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के केवल दो ध्रुव हैं, अर्थात पूरी पृथ्वी बहुत बड़े अकेले चुम्बक के रूप में है।
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