स्मरण करने की विधियाँ (Methods of Memorization)
सीखना स्मृति का एक अंग है लेकिन इन दोनों की विधियों में अन्तर है। स्मरण (Memorization) की प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं-
1. पूर्ण विधि (Whole Method)-
जब कोई व्यक्ति सम्पूर्ण विषय सामग्री (Subject Matter) को एक साथ याद करता है तो इस प्रकार से स्मरण करने की विधि को पूर्ण विधि कहते हैं। अधिक बुद्धिमान बच्चों के लिए पूर्ण विधि से स्मरण करना प्रभावी होता है।
2. आंशिक विधि (Part Method) -
जब कोई व्यक्ति किसी विषय सामग्री (Subject Matter) को कई भागों में विभक्त करके उन्हें अलग-अलग याद करता है तो इस प्रकार से स्मरण करने की विधि को आंशिक विधि कहते हैं। मन्द बुद्धि बालकों के लिए यह विधि उपयुक्त होती है।
3. मिश्रित विधि (Mixed Method)-
जब कोई व्यक्ति किसी विषय सामग्री (Subject Matter), जिसकी मात्रा अधिक होती है, को स्मरण करने के लिए पूर्ण विधि एवं आंशिक विधि दोनों का प्रयोग करता है तो इस प्रकार स्मरण करने की विधि को मिश्रित विधि कहते हैं। रीड (Read) ने अपने प्रयोगों द्वारा यह निष्कर्ष निकाला कि जब विषय सामग्री काफी लम्बी (अधिक मात्रा में) होती है तो मिश्रित विधि अधिक प्रभावी होती है। यदि किसी व्यक्ति के लिए विषय सामग्री सार्थक (Meaningful) हो तो पूर्ण विधि अधिक उपयुक्त रहती है और यदि सामग्री कठिन हो तो आंशिक विधि के परिणाम अच्छे होते हैं।
4. विराम विधि (Spaced Method) -
जब व्यक्ति किसी विषय सामग्री (Subject Matter) को स्मरण करने के बीच-बीच में आराम करके उसे दोहराता है तो इस विधि को विराम विधि कहते हैं। यह विधि स्थायी स्मृति के लिए उत्तम होती है। इस विधि से स्मरण करने में थकान कम होती है और पूरी क्षमता से याद करने का अवसर मिलता है।
5. अविराम विधि (Unspaced Method)-
जब कोई व्यक्ति किसी विषय सामग्री (Subject Matter) को बिना किसी समय अन्तराल (Interval) के लगातार याद करता है तो इस प्रकार स्मरण करने की विधि को अविराम विधि कहते हैं। इस विधि में बिना विश्राम किए विषय सामग्री को बार-बार दोहराया जाता है। यह विधि तात्कालिक स्मृति (Immediate Memory) के लिए अच्छी होती है।
6. सक्रिय विधि (Active Method)-
इस विधि में अधिगम सामग्री को बोल-बोल कर याद किया जाता है। यह विधि प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए उपयुक्त होती है। बोल-बोल कर याद करने से बच्चों के उच्चारण में भी शोधन होता है।
7. निष्क्रिय विधि (Passive Method)-
इस विधि में व्यक्ति बिना बोले मन-मन में विषय-वस्तु को दोहराता है। यह विधि उच्च स्तर की कक्षा के विद्यार्थियों तथा प्रौढ़ों के लिए उपयुक्त होती है।
8. वाचन विधि (Recitation Method)–
इस विधि में व्यक्ति विषय सामग्री को सस्वर (Resonance) पढ़ता है और फिर पुस्तक बन्द करके उसका प्रत्यास्मरण करता है। गेट्स (Gates) ने अपने प्रयोगों से लगातार पढ़ने की अपेक्षा वाचन को अधिक उपयोगी पाया। अन्य मनोवैज्ञानिकों के प्रयोगों के निष्कर्ष भी यह बताते हैं कि इससे सामग्री को धारण करने में वृद्धि होती है।
9. विचार साहचर्य विधि (Method of Association of Ideas)-
इस विधि में याद की जाने वाली सामग्री का अन्य सामग्री से सम्बन्ध स्थापित कर लिया जाता है। ऐसा करने से अधिगम सामग्री का स्मरण शीघ्रता से होता है तथा वह एक लम्बे समय तक स्मृति में संचित भी रहती है।
10. लय विधि (Rhythm Method) -
इस विधि में पाठ सामग्री को लय के साथ स्मरण किया जाता है। यह विधि छोटी कक्षा के बच्चों के लिए उपयोगी पायी गई है। इसमें बच्चे गा-गा कर याद करते हैं।
11. निरीक्षण विधि (Inspection Method)-
इस विधि में पाठ्य सामग्री का पहले निरीक्षण (Inspection) एवं अवलोकन (Observation) किया जाता है। इस विधि के अनुसार छात्र पहले पूर्ण पुस्तक का अवलोकन करते हैं और उसकी रूपरेखा (Outline) को समझ लेते हैं, इसके बाद विषय वस्तु को याद करते हैं ।
12. क्रिया विधि (Action Method)-
इस विधि में स्मरण की जाने वाली बात के साथ-साथ कार्य करते हुए स्मरण किया जाता है। इसमें बालक की कर्मेन्द्रियाँ (Work Senses) एवं ज्ञानेन्द्रियाँ (Senses) दोनों एक साथ क्रियाशील रहती हैं। इस विधि से पाठ को सरलतापूर्वक और शीघ्रता से याद किया जा सकता है।
13. प्रगतिशील विधि (Progressive Method)-
इस विधि में विषय-सामग्री (Subject-matter) को अनेक खण्डों में बाँट लिया जाता है। सबसे पहले प्रथम खण्ड को याद किया जाता है, उसके बाद प्रथम एवं दूसरे खण्ड को एक साथ याद करते हैं। फिर इसके बाद पहले, दूसरे और तीसरे खण्ड को एक साथ याद करते हैं। इस प्रकार जैसे-जैसे स्मरण करने के कार्य में प्रगति होती है, वैसे-वैसे एक नया खण्ड जोड़ दिया जाता है। इस विधि में समय अधिक लगता है और आरम्भ के कुछ खण्डों का स्मरण अधिक होता है और बाद के खण्डों का स्मरण कम होता जाता है।

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