Wednesday, November 19, 2025

आइजेंक का व्यक्तित्व का मानवतावादी सिद्धांत (Eysenck's Humanistic theory of Personality)

आइजेंक का व्यक्तित्व का मानवतावादी सिद्धांत (Eysenck's Humanistic theory of Personality)

एच० जे० आइजेंक (H. J. Eysenck) के द्वारा प्रतिपादित व्यक्तित्व सिद्धान्त को जैविक शीलगुण सिद्धान्त (Biological Trait Theory) के नाम से जाना जाता है। आइजेंक ने व्यक्तित्व के विकास में वंशानुक्रम एवं वातावरण दोनों के प्रभाव को महत्वपूर्ण स्वीकार किया तथा कहा कि व्यक्तित्व में एक प्रकार की स्थिरता पाई जाती है। उसने मानव व्यवहार प्रतिमानों के संज्ञानात्मक (Cognitive), क्रियात्मक (functional), भावात्मक एवं दैहिक क्षेत्रों (emotional and physical areas) को बौद्धिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक एवं जैविक कारकों से जोड़कर प्रस्तुत किया।

आइजेंक की व्यक्तित्व संरचना  हिप्पोक्रेटस एवं जुंग के विचारों से प्रभावित प्रतीत होती है। हिप्पोक्रेटस ने शारीरिक द्रवों के आधार पर चार प्रकार के व्यक्तित्व- आशावादी (Sanguine), क्रोधी (Choleric), विषादी (Melancholic) तथा भावशून्य (Plegmatic) वाले व्यक्तियों का उल्लेख किया था जबकि जुंग ने अन्तर्मुखी (Introversion) तथा बहिर्मुखी (Extroversion) दो प्रकार के व्यक्तित्वों की चर्चा की थी। आइजेंक द्वारा प्रतिपादित व्यक्तित्व संरचना का संप्रत्यय व्यक्तित्व को प्रकार- शीलगुण संप्रत्यय (Types-Traits Concept) के रूप में प्रस्तुत करता है। 
आइजेंक ने कारक विश्लेषण प्रविधि (Factor Analysis Method) के द्वारा व्यक्तित्व की कुछ विमाओं (Dimensions) को ज्ञात करके उनके आधार पर व्यक्तित्व की संरचना को स्पष्ट करने का प्रयास किया है।
हंस आइजेंक  का व्यक्तित्व सिद्धांत मुख्यतः एक जैविक और गुण-प्रकार (Trait-type) का सिद्धांत है जो व्यक्तित्व के तीन प्रमुख आयामों  पर ज़ोर देता है: बहिर्मुखता बनाम अंतर्मुखता (Extraversion vs Introversion), विक्षिप्तता बनाम भावनात्मक स्थिरता (Neuroticism vs Emotional stability) और मनोविकृति बनाम समाजीकरण (Psychoticism vs Socialization)। उनका मानना ​​था कि ये व्यक्तित्व लक्षण मुख्यतः आनुवंशिक और जैविक कारकों द्वारा नियंत्रित होते हैं, और स्वभाव जन्मजात होता है।

(1) अंतर्मुखता - बहिर्मुखता (Introversion - Extroversion):- 

अंतर्मुखता- आसानी से प्रभावित, निराशावादी, चिंताग्रस्त, कम उत्तेजित, कम महत्वाकांक्षी, आत्मनिष्ठ, कल्पनाशील, अनुशासनप्रिय एवं गंभीर।

बहिर्मुखता- आवेगशीलपरिवर्तनशील, क्रियाशील, सामाजिक आदि।

(2) स्नायुविकता स्थिरता बनाम अस्थिरता (Neuroticism Stability vs Unstability):- इसका आयाम लिम्बिक सिस्टम से जुड़ा है, जो भावनाओं और प्रेरणा को नियंत्रित करता है। उच्च न्यूरोटिसिज्म भावनात्मक अस्थिरता, चिंता और मनोदशा से संबंधित है। यह मनमौजी (Moody)अति संवेदनशील, बैचेन, उग्र स्वभाव, करुणामय एवं दुश्चिंता से ग्रस्त होते हैं ।

(3) मनोविकारिता बनाम सामाजिकता (Psychoticism vs Socialization):- एकांतप्रिय, कम क्रियाशील, अहंकारी, सामाजिक मर्यादाओं का विरोधी होता है जबकि सोशलाइज़ेशन में ज़्यादा लोग हमदर्द, कोऑपरेटिव और कन्फर्मिंग होते हैं। 

आइजेंक के अनुसार अंतर्मुखी, बहिर्मुखी तथा स्नायुविकता के कारण व्यक्तियों में जो विभिन्नताएं पाई जाती हैं उनमें से 75% वंशानुक्रम से निर्धारित होती हैं।

आइजेंक ने व्यवहार संगठन के चार स्तर बताये हैं - 
  • विशिष्ट अनुक्रिया स्तर (Specific Response Level):- ये किसी परिस्थिति में अलग-अलग, ठोस काम होते हैं—जैसे, लक झपकाना, आँखें झुकाना, किसी दोस्त से किसी एक मौके पर बात करना। ऐसे व्यवहार बदलते रहते हैं और परिस्थिति के हिसाब से होते हैं।
  • आदतजन्य अनुक्रिया स्तर (Habitual Response Level):- जब एक खास जवाब को एक जैसी स्थितियों में दोहराया जाता है, तो यह एक आदत बन जाती है—जैसे रेगुलर तौर पर ग्रुप में पढ़ाई करना। ये आदतें समय के साथ कुछ स्थिरता दिखाती हैं।
  • शीलगुण स्तर (Trait Level) : - शीलगुण हमेशा रहने वाले गुण होते हैं जो आदतन प्रतिक्रिया के समूह से मिलते हैं। उदाहरण के लिए, जो कोई अक्सर समूह में पढ़ता है, अक्सर मिलता-जुलता है, और समूह क्रियाएं करना  पसंद करता है, उसमें समाजशीलता   शीलगुण  हो सकता है।
  • प्रकार स्तर (Type Level) :- ये पर्सनैलिटी के बड़े पहलू हैं जो एक-दूसरे से जुड़े गुणों से बने होते हैं। आइसेनक ने तीन मुख्य प्रकार बताए: एक्स्ट्रावर्जन, न्यूरोटिसिज़्म और साइकोटिसिज़्म। हर प्रकार एक हायर-ऑर्डर फैक्टर दिखाता है जिसमें कई गुण शामिल होते हैं।


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