Tuesday, September 28, 2021

जवाहर नवोदय विद्यालय समिति (Jawahar Navodaya Vidyalaya Samiti, NVS)

 जवाहर नवोदय विद्यालय समिति (Jawahar Navodaya Vidyalaya Samiti, NVS)

स्थापना -         1986-87

मुख्यालय -    नई दिल्ली

क्षेत्रीय कार्यालय - 8

कुल  विद्यालय - 661  (638+ 23 additional) (As per Year 2021)

मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों को उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की परवाह किए बिना अच्छी गुणवत्ता वाली आधुनिक शिक्षा प्रदान करना- जिसमें संस्कृति का एक मजबूत घटक, मूल्यों का समावेश, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, साहसिक गतिविधियाँ और शारीरिक शिक्षा शामिल है। 

जवाहर नवोदय विद्यालय समिति भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत एक स्वायत्तशासी संगठन है।  यह संगठन पिछड़े और निर्धन वर्ग के विद्यर्थियों को शिक्षा प्रदान कर  प्रतिभाशाली विद्याथियों को  आगे बढ़ा रहा है  जिससे  देश इन विद्यार्थियों की  प्रतिभा के लाभ से वंचित न रहे। देश मे गरीब एव पिछड़े वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की शिक्षा की  ओर सर्वप्रथम ध्यान 1982 में तत्कालीन युवा प्रधानमन्त्री श्री राजीव गाँधी का गया। उन्होंने शिक्षाविदों से इस समस्या के समाधान हेतु सुझाव आमन्त्रित किए और उन सुझावों के आधार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 में गति निर्धारिक विद्यालयों (Pace Setting Schools) की स्थापना की घोषणा की और इन्हें नवोदय विद्यालय का नाम दिया। आगे चलकर इन नवोदय विद्यालयों को जवाहर नवोदय विद्यालयों के नाम से पुकारा जाने लगा। 1986-87 में इन विद्यालयों की स्थापना शुरू की गई और इन विद्यालयों की स्थापना एवं इनकी पूर्ण व्यवस्था के लिए इस समिति का गठन किया गया। 

संगठनात्मक सरंचना ( Organizational Structure)




इस समिति के प्रशासन तंत्र को तीन भागों में विभक्त किया गया है- 

केंद्रीय स्तर, क्षेत्रीय स्तर एवं स्थानीय स्तर।

केंद्रीय स्तर पर प्रशासन-  इसमे दो समितियाँ हैं -

1. सामान्य समिति (General Body) - 

केंद्रीय शिक्षा मन्त्री -  चेयरमेन (Chairman)  
राज्य मन्त्री -            डिप्टी चेयरमेन (Deputy Chairman)  

2. कार्यकारिणी समिति (Executive Committee) - 

केंद्रीय शिक्षा मन्त्री -  चेयरमेन (Chairman)   

इसके मुख्य अधिकारी कमिश्नर (Commissioner) की नियुक्ति सरकार करती है। इस समिति में कमिश्नर के अतिरिक्त 3 जॉइन्ट कमिश्नर (Joint Commissioner), 5 डिप्टी कमिश्नर (Deputy Commissioner), 11 एसिसटेन्ट कमिश्नर (Assistant. Commissioner) और एक जनरल मैनेजर (General Manager) नियुक्त हैं। कार्यकारिणी समिति की दो उपसमितियाँ हैं—

(i) वित्त समिति (Finance Committee) – यह वित्त मामलों के लिए उत्तरदायी ।

(ii) प्रशासन सलाहकार समिति (Administration Advisory Committee) – यह प्रशासन सम्बन्धी सभी मामलों के लिए उत्तरदायी। 

क्षेत्रीय स्तर पर प्रशासन-  

कुल क्षेत्रीय कार्यालय (Regional Office)-  8 (As per Current Report 2021)

Regional Offices of NVS
Sr. No.RegionsNo. of JNVsStates & No. of Jawahar Navodaya Vidyalayas as on 31.03.2020
1.Bhopal108 + 5 = 113Chhattisgarh (28), Madhya Pradesh (54), Odisa (31)
2.Chandigarh  57 + 2 =   59Chandigarh U.T.(1), Himachal Pradesh (12),Jammu & Kashmir (21), Ladakh U.T. (2), Punjab (23)
3.Hyderabad   74 + 3 =  77A&N Islands U.T.(3), Andhra Pradesh (15), Karnataka(31), Kerala(14), Lakshadweep U.T.(1), Pondicherry U.T. (4), Telangana(9)
4.Jaipur  63 + 2 =   65Delhi (9), Haryana (21), Rajasthan(35)
5.Lucknow  88 + 1 =   89Uttar Pradesh (76), Uttarakhand(13)
6.Patna  81 + 4 =   85Bihar (39), Jharkhand (26), West Bengal (20)
7.Pune  71 + 2 =   73Dadra Nagar Haveli and Daman & Diu U.T.(3), Goa (2). Gujarat(34), Maharashtra(34)
8.Shillong  96 + 4 = 100Arunachal Pradesh(18), Assam(28), Manipur (11), Meghalaya (12), Mizoram (8), Nagaland (11), Sikkim (4), Tripura(8)
Total638 + 23 = 661Total 661 JNVs have been sanctioned in 638 districts of India. Additional JNVs have been sanctioned in 23 districts, which include 10  JNVs in SC & 10 JNVs in ST having large concentrated population and 03 JNVs i.e.  Senapati-II (Manipur), Ukhrul-II (Manipur) and Ratlam-II (Madhya Pradesh) as a special case.

प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय में एक डिप्टी कमिश्नर (Deputy Commissioner) नियुक्त है जो क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य अधिकारी के रूप में कार्य करता है। इसकी सहायता के लिए 4 एसिसटेन्ट कमिश्नर (Assistant Commissioner), 1 इंजीनियर (Engineer), 1 एकाउन्ट ऑफीसर (Account Officer) और सपोर्टिंग स्टॉफ है। ये क्षेत्रीय कार्यालय अपने क्षेत्र के समस्त जवाहर नवोदय विद्यालयों के प्रशासन एवं उनकी उचित देखभाल के लिए उत्तरदायी हैं। इनके सहयोग से ही केन्द्रीय कार्यालय अपने उत्तरदायित्व का सम्पादन करता है। 

स्थानीय स्तर पर  प्रशासन-

प्रत्येक जवाहर नवोदय विद्यालय के लिए दो समितियाँ हैं 

1. विद्यालय एडवाइजरी समिति (Vidyalaya Advisory Committee)- 

अध्यक्ष -  जिलाधिकारी (DM)  

सदस्य-   स्थानीय अधिकारी एवं शिक्षाविद  

2. विद्यालय प्रबन्ध समिति (Vidyalaya Management Committee) - 

अध्यक्ष -  जिलाधिकारी (DM)  

सदस्य-   स्थानीय अधिकारी एवं शिक्षाविद  

उद्देश्य (Objective)- 

  • 1. मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों को उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना, गुणात्मक आधुनिक शिक्षा प्रदान करना, जिसमें सामाजिक मूल्यों, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, साहसिक कार्यकलाप और शारीरिक शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण घटकों का समावेश हो।
  • 2. देश भर में एक उपयुक्त स्तर पर एक समान माध्यम अर्थात् अंग्रेजी एवं हिन्दी में शिक्षण की सुविधाएं प्रदान करना।
  • 3. सभी विद्यालयों के स्तर में तुलनात्मकता सुनिश्चित करने व हमारी मिली-जुली संस्कृति एवं परम्पराओं को समझने में सुविधा हो इसके लिए मूल-पाठ्यचर्या प्रदान करना।
  • 4. राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने और सामाजिक भावना की समृद्धि के लिए प्रत्येक स्कूल के विद्यार्थियों को क्रमिक रूप से देश के एक भाग से दूसरे भाग में ले जाना।
  • 5. वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप अध्यापकों को प्रशिक्षण एवं अनुभव और सुविधाओं के परस्पर आदान-प्रदान द्वारा स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक केन्द्र बिन्दु के रूप में कार्य करना।
  • 6. नवोदय विद्यालयों के विद्यार्थियों के रहने के लिए छात्रवास स्थापित करना, उनका विकास, रख-रखाव व प्रबंधन करना।  समिति के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए यदि आवश्यक हो, देश के किसी भी भाग में स्थित अन्य संस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना, उन्हें स्थापित एवं उनका संचालन करना।
  • 7. ऐसे सभी कार्य करना जो इस समिति के किसी या सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक, प्रासंगिक या सहायक समझे जाएं।

कार्य (Functions) -

  • समय-समय पर आवश्यकतानुसार नीति एवं कार्यक्रम निर्धारण करना। 
  • वार्षिक बजट बनाना और भिन्न-भिन्न मदों के लिए धनराशि निश्चित करना। 
  • जिन जिलों में अभी तक नवोदय विद्यालय नहीं है, राज्य सरकार द्वारा 35 एकड़ भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराने पर उनमें जवाहर नवोदय विद्यालय स्थापित करना । 
  • जवाहर नवोदय विद्यालयों में प्रवेश हेतु चयन परीक्षा की व्यवस्था करना प्रारम्भ में इस चयन परीक्षा का सम्पादन एन.सी.ई.आर.टी. (NCERT) करती थी, वर्तमान में सी.बी.एस.ई (CBSE) के द्वारा होता है। इस परीक्षा में सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों से कक्षा 5 उत्तीर्ण छात्र बैठ  सकते हैं। इनमें 75% स्थान ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए, 33% स्थान लड़कियों के लिए और स्थान विशेष पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रतिशत के आधार पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बच्चों के लिए आरक्षित हैं।
  • जवाहर नवोदय विद्यालयों के लिए प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों का चयन करना। यह चयन भारतीय स्तर पर खुले विज्ञापन, लिखित परीक्षा और मौखिक साक्षात्कार द्वारा किया जाता है।
  • नवोदय विद्यालयों के भवन निर्माण एवं भवन मरम्मत कार्य कराना। 


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