रामानुजन का गणित में योगदान(Contribution of Ramanujam in Mathematics)
स्थान - इरोड, मद्रास प्रेसीडेंसी, जिला - तंजौर
अकादमिक सलाहकार - जी० एच० हार्डी, जे० ई ० लिटलवुड
महत्वपूर्ण घटनाएं -
- प्राइमरी स्कूल का एक अध्यापक तीसरी श्रेणी के अपने विद्यार्थियों को समझा रहे थे कि "किसी भी संख्या को उसी संख्या से भाग देने पर भागफल एक होता है।" सब बच्चे चुपचाप सुनते रहे, परन्तु रामानुजम से न रहा गया और वह एकदम खड़ा होकर बोला “सर, क्या यह नियम शून्य पर भी लागू होता है?" अपने अध्यापक को भी इतनी छोटी-सी अवस्था में इस प्रकार के गूढ़ प्रश्नों द्वारा चक्कर में डालने वाले महानुभाव और कोई नहीं प्रख्यात गणितज्ञ रामानुजन ही थे। तीसरी कक्षा में ही इन्होंने बीजगणित आदि का इण्टरमीडियेट कक्षाओं तक का पाठ्यक्रम समाप्त कर लिया था तथा चौथी कक्षा में आते-आते बी० ए० की त्रिकोणमिति के कठिन प्रश्न हल करने लग गये थे।
- मद्रास "पोर्ट ट्रस्ट कार्यालय" में मध्यावकाश के समय जब सभी कर्मचारी गण चाय-पान आदि के लिये बाहर चले गये तो चेयरमैन “सर फ्रांसिस स्प्रिंग" ने अचानक कार्यालय का निरीक्षण किया। उसे फर्श पर गिरा हुआ कागज का एक पन्ना दिखाई पड़ा। उसने उसे उठाकर पढ़ना शुरु किया। वह आश्चर्यचकित होकर बोला-"ओह! यह क्या इसमें तो गणित के अत्यन्त कठिन प्रश्नों को हल किया गया है।" उसने एक बार पुनः कार्यालय में चारों तरफ नजर दौड़ाई। इस बार उसने देखा न कि एक दुबला-पतला व्यक्ति अपनी मेज से चिपका हुआ कुछ लिखने में खोया हुआ है। उस व्यक्ति के पास पहुँचकर अधिकारी ने पूछा- "तुम अकेले बैठे-बैठे यहाँ क्या कर रहे न हो?” “जी गणित के सवाल लगा रहा हूँ।" "क्या यह तुम्हारा ही लिखा हुआ है?” “जी हाँ, मेरा ही लिखा हुआ है।" "तुमने यह गणित कहाँ से सीखी है?" “देवी नाग गिरी की कृपा से अपने आप।" अधिकारी ने कहा- "मित्र तुम्हें तो गणित की दुनिया का बादशाह होना चाहिये, तुम यहाँ कहाँ पड़े हो?" वह प्रतिभाशाली नवयुवक 'रामानुज' था जिसने भारत का सर ऊँचा किया।
- लांडौ-रामानुजन स्थिरांक (Landau–Ramanujan constant)-
If is the number of positive integers less than that are the sum of two squares, then
where is the Landau–Ramanujan constant.
- रामानुजन-पीटरसन अनुमान (Ramanujan–Peterson conjecture)
The Ramanujan conjecture, due to Srinivasa Ramanujan (1916, p.176), states that Ramanujan's tau function given by the Fourier coefficients τ(n) of the cusp form Δ(z) of weight 12
where , satisfies
when p is a prime number. The generalized Ramanujan conjecture or Ramanujan–Peterson conjecture, introduced by Peterson (1930), is a generalization to other modular forms or automorphic forms.
- रामानुजन प्राइम (Ramanujan prime)-
- रामानुजन-सोल्डर स्थिरांक (Ramanujan–Soldner constant)-
- रामानुजन का योग (Ramanujan's sum)-
- Ramanujan's master theorem -
- सभी पूर्ण संख्याएँ (Integers) रामानुजन की मित्र थीं। एक बार जब वे बीमार थे। और उन्हें देखने के लिये मि० लिटिलवुड टैक्सी नं० 1729 में आये, तो रामानुजन ने 1729 के विषय में कहा कि यह ऐसी छोटी से छोटी संख्या है जिसे दो संख्याओं के धनों के रूप में दी भिन्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है,
- 1729 = 13 + 123 = 93 + 103
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