Thursday, September 23, 2021

रामानुजन का गणित में योगदान (Contribution of Ramanujam in Mathematics)

  रामानुजन  का  गणित में योगदान(Contribution of Ramanujam  in Mathematics)

जन्म - 22/12/1987
स्थान -  इरोड, मद्रास प्रेसीडेंसी, जिला - तंजौर 
मृत्यु - 26/04/1920 (32 Years)
अकादमिक सलाहकार - जी० एच० हार्डी,  जे० ई ० लिटलवुड 

इनके पिता एक साधारण परिवार में निर्धन ब्राह्मण थे तथा एक कपड़े की दुकान पर मुनीमी करके अपना पेट पालते थे। रामानुजन  ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पास के कस्बे कुम्बकोनम, जहाँ इनके पिता नौकरी करते थे, में प्राप्त की। अपनी कक्षाओं में ये सदैव ही प्रथम आते थे। इन्हें बाल्यावस्था से ही गणित से बेहद प्रेम था, यहाँ तक कि अपने दोस्तों का मनोरंजन वे गणित के सूत्रों से किया करते थे। इनकी गणितीय प्रतिभा से प्रभावित होकर इनके अध्यापकों ने इन्हें 12 वर्ष की आयु में ही बाल विद्वान घोषित कर दिया था क्योंकि इस छोटी आयु में इन्होंने गणित सम्बन्धी जो मौलिक कार्य करके सिखाया जो  बड़े-बड़े गणितज्ञों की सम्पूर्ण आयु के परिश्रम से महत्वपूर्ण था। 
17 वर्ष की आयु में इन्होंने सरकारी छात्रवृत्ति प्राप्त करते हुये हाई स्कूल की परीक्षा पास की तथा छात्रवृत्ति के बल पर ही कॉलिज में प्रवेश भी ले लिया। परन्तु यहाँ पर इनका गणित प्रेम इनके साथ धोखा कर गया। गणित के अध्ययन में डूबे रहने के कारण ये अंग्रेजी में अनुत्तीर्ण हो गये। फलस्वरूप इनकी छात्रवृत्ति बन्द हो गयी और साथ ही इस निर्धन छात्र की पढ़ाई का भी यहीं अन्त हो गया।

महत्वपूर्ण घटनाएं -

  • प्राइमरी स्कूल का एक अध्यापक तीसरी श्रेणी के अपने विद्यार्थियों को समझा रहे थे  कि "किसी भी  संख्या को उसी संख्या से भाग देने पर भागफल एक होता है।" सब बच्चे चुपचाप सुनते रहे, परन्तु रामानुजम से   न रहा गया और वह एकदम खड़ा होकर बोला “सर, क्या यह नियम शून्य पर भी लागू होता है?" अपने अध्यापक को भी इतनी छोटी-सी अवस्था में इस प्रकार के गूढ़ प्रश्नों द्वारा चक्कर में डालने वाले महानुभाव और कोई नहीं प्रख्यात गणितज्ञ रामानुजन  ही थे। तीसरी कक्षा में ही इन्होंने बीजगणित आदि का इण्टरमीडियेट कक्षाओं तक का पाठ्यक्रम समाप्त कर लिया था तथा चौथी कक्षा में आते-आते बी० ए० की त्रिकोणमिति के कठिन प्रश्न हल करने लग गये थे।
  • मद्रास "पोर्ट ट्रस्ट कार्यालय" में मध्यावकाश के समय जब सभी कर्मचारी गण चाय-पान आदि के लिये बाहर चले गये तो चेयरमैन “सर फ्रांसिस स्प्रिंग" ने अचानक कार्यालय का निरीक्षण किया। उसे फर्श पर गिरा हुआ कागज का एक पन्ना दिखाई पड़ा। उसने उसे उठाकर पढ़ना शुरु किया। वह आश्चर्यचकित होकर बोला-"ओह! यह क्या इसमें तो गणित के अत्यन्त कठिन प्रश्नों को हल किया गया है।" उसने एक बार पुनः कार्यालय में चारों तरफ नजर दौड़ाई। इस बार उसने देखा न कि एक दुबला-पतला व्यक्ति अपनी मेज से चिपका हुआ कुछ लिखने में खोया हुआ है। उस व्यक्ति के पास पहुँचकर अधिकारी ने पूछा- "तुम अकेले बैठे-बैठे यहाँ क्या कर रहे न हो?” “जी गणित के सवाल लगा रहा हूँ।" "क्या यह तुम्हारा ही लिखा हुआ है?” “जी हाँ, मेरा ही लिखा हुआ है।" "तुमने यह गणित कहाँ से सीखी है?" “देवी नाग गिरी की कृपा से अपने आप।" अधिकारी ने कहा- "मित्र तुम्हें तो गणित की दुनिया का बादशाह होना चाहिये, तुम यहाँ कहाँ पड़े हो?" वह प्रतिभाशाली नवयुवक 'रामानुज' था जिसने भारत का सर ऊँचा किया।

योगदान (Contribution)-
  • लांडौ-रामानुजन स्थिरांक (Landau–Ramanujan constant)-

If  is the number of positive integers less than  that are the sum of two squares, then

where  is the Landau–Ramanujan constant.


  • रामानुजन-पीटरसन अनुमान (Ramanujan–Peterson conjecture)

The Ramanujan conjecture, due to Srinivasa Ramanujan (1916, p.176), states that Ramanujan's tau function given by the Fourier coefficients τ(n) of the cusp form Δ(z) of weight 12

where , satisfies

when p is a prime number. The generalized Ramanujan conjecture or Ramanujan–Peterson conjecture, introduced by Peterson (1930), is a generalization to other modular forms or automorphic forms.

  • रामानुजन प्राइम (Ramanujan prime)-
Ramanujan prime is a prime number that satisfies a result proven by Srinivastava  Ramanujan relating to the prime-counting function.
that is:
where  is the prime-counting function, equal to the number of primes less than or equal to x.


  • रामानुजन-सोल्डर स्थिरांक (Ramanujan–Soldner constant)- 
Its value is approximately μ ≈ 1.45136923488338105028396848589202744949303228....

Ramanujan–Soldner constant (also called the Soldner constant) is a mathematical constant defined as the unique positive zero of the logarithmic integral function.

  • रामानुजन का योग (Ramanujan's sum)-
Ramanujan's sum, usually denoted cq(n), is a function of two positive integer variables q and n defined by the formula:

where (aq) = 1 means that a only takes on values co-prime to q.

  • Ramanujan's master theorem -

  • सभी पूर्ण संख्याएँ (Integers) रामानुजन  की मित्र थीं। एक बार जब वे बीमार थे। और उन्हें देखने के लिये मि० लिटिलवुड टैक्सी नं० 1729 में आये, तो रामानुजन  ने 1729 के विषय में कहा कि यह ऐसी छोटी से छोटी संख्या है जिसे दो संख्याओं के धनों के रूप में दी भिन्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है,
1729 = 13 + 123 = 93 + 103

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