Sunday, August 22, 2021

राज्य स्तर पर शैक्षिक प्रशासन की संरचना (Structure of Educational Administration at State Level)

राज्य स्तर पर शैक्षिक प्रशासन  की संरचना (Structure of Educational Administration at State Level)




राज्यों का शैक्षिक प्रशासन भी तीन भागों में विभाजित है— 

1. मन्त्रालय (Ministry)

2. सचिवालय Secretariate) 

3. निदेशालय (Directorate)। 

शैक्षिक प्रशासन के कार्य (Functions of Educational Administration)-

1. शिक्षा मन्त्रालय (Education Ministry) - 

प्रत्येक राज्य में शिक्षा मन्त्रालय है। किसी राज्य में केवल एक शिक्षा मन्त्री है, किसी में दो और किसी में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए अलग-अलग तीन शिक्षा मन्त्री हैं। शिक्षा मन्त्रालय का मुख्य कार्य नीति निर्धारण है। जहाँ एक से अधिक शिक्षामन्त्री हैं, वे अपने-अपने विभाग के लिए नीति निर्धारण के लिए उत्तरदायी हैं। शिक्षा मन्त्री विधान सभा (Assembly) एवं विधान परिषद (Legislative Assembly) के लिए जवाबदेह है।

2. शिक्षा सचिवालय (Education Secretariate)– 

शिक्षा सचिव इसके मुख्य अधिकारी होते हैं। उनके आधीन उपसचिव और सहायक सचिव होते हैं। जिन राज्यों में एक से अधिक शिक्षा मन्त्री हैं उनमें अलग -अलग विभाग बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के लिए अलग-अलग उपसचिव होते हैं। शिक्षा सचिवालय राज्य द्वारा निश्चित शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए उत्तरदायी होता है। राज्य सरकार के सभी आदेश शिक्षा सचिव के नाम से ही निकाले जाते हैं। जहाँ आवश्यक होता है, यह विभाग सरकार को सलाह भी देता है।

3. शिक्षा निदेशालय (Education Directorate) - 

शिक्षा निदेशक इस विभाग के सर्वोच्च अधिकारी होते हैं। कुछ राज्यों में केवल एक ही शिक्षा निदेशक है और कुछ राज्यों में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए अलग-अलग निदेशक हैं और आवश्यतानुसार अतिरिक्त निदेशक एवं उपनिदेशक हैं। इस विभाग  का मुख्य कार्य राज्य में अपने-अपने क्षेत्र में शिक्षा की व्यवस्था करना और उसमें गुणात्मक उन्नयन (quality upgrade) करना है। यह विभाग सरकार और शिक्षा संस्थाओं को जोड़ने का कार्य करता है, सरकार को राज्य की शिक्षा प्रगति के विषय में सूचना देता है और उसे राज्य की शैक्षिक माँगों की जानकारी देता है। शिक्षा निदेशालय अपने कार्यों का निष्पादन क्षेत्रीय एवं जनपदीय शैक्षिक प्रशासनिक संगठनों के माध्यम से करता है ये शैक्षिक प्रशासकीय संगठन हैं

(i) क्षेत्रीय स्तर पर शैक्षिक प्रशासन (Educational Administration at Regional Level) 

राज्य का शिक्षा निदेशालय अपने कार्यों को सुचारु रूप से सम्पादित करने के लिए राज्य को कई क्षेत्रों में विभाजित करता है।  प्रत्येक क्षेत्र में एक-एक क्षेत्रीय बेसिक शिक्षा अधिकारी, एक-एक क्षेत्रीय माध्यमिक शिक्षा अधिकारी और एक-एक क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी नियुक्त हैं। ये सभी शिक्षा उपनिदेशक स्तर के अधिकारी हैं। ये क्षेत्रीय अधिकारी अपने-अपने शिक्षा निदेशालय के अन्तर्गत कार्य करते हैं और अपने-क्षेत्र में  क्षेत्र की शिक्षा  की व्यवस्था के लिए उत्तरदायी हैं। 

(ii) जनपदीय स्तर पर शैक्षिक प्रशासन (Educational Administration at District Level)-

प्रत्येक क्षेत्रीय शिक्षा कार्यालय से कई जिले जुड़े हैं। जिले स्तर पर प्रत्येक जिले में एक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और एक माध्यमिक शिक्षा अधिकारी नियुक्त हैं। इनके अपने-अपने कार्यालय है। जिले की  बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा की व्यवस्था के लिए उत्तरदायी है।


(iii) विकास खण्ड स्तर पर शैक्षिक प्रशासन (Educational Administration at Development  Block Level)-

किसी भी राज्य के जिलों को जनसंख्या के आधार पर कई का विकास खण्डों में विभाजित किया गया है। इन विकास खण्डों में एक-एक शिक्षा समिति होती है जिसका प्रमुख  शिक्षा अधिकारी होता है। यह समिति अपने विभाग खण्ड की प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था को देख-रेख के लिए उत्तरदायी होती है।

(iv) ग्राम पंचायत स्तर पर शैक्षिक प्रशासन (Educational Administrate at Gram Panchayat. Level) - 

प्रत्येक विकास खण्ड के अन्तर्गत कई ग्राम पंचायत होती है। इन ग्राम पंचायतों में एक शिक्षा समिति होती है जिसका मुखिया  ग्राम पंचायत प्रधान होता है। यह समिति अपने क्षेत्र की प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था के लिए उत्तरदायी होती है।

राज्यों में शिक्षा के क्षेत्र में सलाह देने एवं विशेष कार्यों का सम्पादन करने के लिए कुछ अन्य शैक्षिक प्रशासिक संस्थाओं का गठन भी किया जाता है। ये संस्थाएँ हैं-

(i) राज्य शिक्षा सलाहकार बोर्ड (State Advisory Board of Education, SABE) सरकार को शिक्षा से सम्बन्धित सभी विषयों पर अपनी सलाह देता है। 

(ii) राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (State Councils of Educational Research and Training, SCERT)-  स्कूली शिक्षा के सम्बन्ध में सरकार को सलाह देना , स्कूली शिक्षा का पाठ्यक्रम एवं पाठ्यपुस्तकों का निर्माण करना , सेवा पूर्व एवं सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना  और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहित करना । 

(iii) माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Board of Secondary Education, BSE)-   राज्य की माध्यमिक शिक्षा संस्थाओं को शर्तें पूरी करने पर मान्यता देना और मान्यता प्राप्त संस्थाओं का समय-समय पर निरीक्षण करना और उन पर नियन्त्रण करना, माध्यमिक स्तर के लिए पाठ्यक्रमों का निर्माण करना, पाठ्यपुस्तकों का निर्माण अथवा चयन करना और कक्षा 10 व कक्षा 12 की सार्वजनिक परीक्षाओं का सम्पादन करना । 

(iv) राज्य स्रोत केन्द्र (State Resource Centre (SRC) -  प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, सामग्री तैयार करना, सामग्री का प्रकाशन करना, नवाचार प्रोजेक्ट, शोध अध्ययन और मूल्यांकन आदि कार्यक्रमों का आयोजन करना।

(v) उच्च शिक्षा अध्ययन संस्थान (Institute of Advance Studies in Education {IASE})- SSA, RMSA योजनाओं का प्रबंध देखना, शोध कार्यों को प्रोत्साहन देना , सेवापूर्व प्रशिक्षण देना।

(vi) अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय (College of Teacher Education) 

(vii) जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (District Institute of Education and Training {DIET})- प्राथमिक शिक्षा एवं प्राथमिक शिक्षक शिक्षा के  प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।

(viii) जिला स्रोत इकाईयाँ (District Resource Unit) 

(ix)  ब्लाक स्रोत इकाईयाँ (Block Resource Unit)- प्राथमिक स्तर के अध्यापकों को सभी प्रकार की एकेडेमिक सहायता, शिक्षक शिक्षण, सामुदायिक गतिशीलता, क्रियात्मक अनुसंधान कार्य, प्रतियोगताएँ ।






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