Wednesday, August 25, 2021

गणित का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकृति (Meaning, Definitions and Nature of Mathematics)

 

 गणित का अर्थ (Meaning of Mathematics)


'गणित' शब्द बहुत प्राचीन है तथा वैदिक साहित्य में इसका बहुतायत से उपयोग किया गया है। गणित शब्द का शाब्दिक अर्थ है, “वह शास्त्र  या विद्या जिसमें गणना की प्रधानता हो।" इस प्रकार गणित के सम्बन्ध में दी गयी मान्यताओं के आधार पर हम कह सकते हैं कि गणित, अंक, अक्षर, चिन्ह आदि संक्षिप्त संकेतों का वह विधान है जिसकी सहायता से परिमाण (Magnitude), दिशा (Direction) तथा स्थान (Space) का बोध होता है। 

गणित विषय का प्रारम्भ गिनती से ही हुआ है और संख्या पद्धति (Number of System) इसका एक विशेष क्षेत्र है जिसकी सहायता से गणित की अन्य शाखाओं का विकास किया गया है । 

गणित मानव जीवन का एक गणनात्मक पक्ष (Quantitative aspect) है। जिसमें जीवन से संबंधित वस्तुओं के बारे में गणना करके उसके बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है।  गणनात्मक पक्ष का आधार मात्रा एवं स्थान (Quantity and Space) है, जो मात्रात्मक संबंधों का प्रयोग समस्या समाधान के साथ करता है। यह विज्ञान की एक सुसंगठित , क्रमबद्ध एवं शुद्ध शाखा है। यह युक्तिसंगत तर्क की आंकिक समस्याओं का विज्ञान है।


परिभाषायें (Definitions)

गैलीलियो (Galileo) के अनुसार- गणित वह भाषा है जिसमें परमेश्वर ने संपूर्ण जगह या ब्रह्मांड को लिख दिया है (Mathematics is the language which God written Universe.) 

लौक (Locke) के अनुसार- "गणित वह है जिसके द्वारा बच्चों के मन या मस्तिष्क में तर्क करने की आदत स्थापित होती है। " (Mathematics is a way to settle the mind of children a habit of reasoning.)

गॉस (Gauss) के अनुसार- "गणित, विज्ञान की  रानी  है।"(Mathematics is the queen of the science.) 

बेल (Bell) महोदय के अनुसार- "गणित को विज्ञान का नौकर  माना जाता है। " (Mathematics is supposed to be the servant of Science.)

गिब्स (J. Willard Gibbs) के अनुसार- "गणित एक भाषा है। " (Mathematics is a language.)

बेकन (Bacon) अनुसार- गणित सभी विज्ञानों का मुख्य द्वार एवं कुंजी है।"(Mathematics is the gateway and  key to all sciences.)

होगबेन (Hogben) के अनुसार- "गणित सभ्यता और संस्कृति का दर्पण है। (Mathematics is the mirror of civilization.) 

उपरोक्त परिभाषाओं के विश्लेषण करने पर कहा जा सकता है कि- 

  • गणित गणनाओं का विज्ञान है। (Mathematics is the science of calculations.)
  • गणित विज्ञान का अमूर्त रूप है।(Mathematics is the abstract form of science.) 
  • गणित ज्ञानेन्द्रियों का विकास है । (Mathematics is the development of sense organs.)
  • गणित स्थान तथा संख्याओं का विज्ञान है । (Mathematics is the science of space and numbers.) 
  • गणित विज्ञान की क्रमबद्ध, संगठित एवं यथार्थ शाखा है।(Mathematics is the systematised, organised and exact branch of science.)
  • गणित तार्किक विचारों का विज्ञान है । (Mathematics is a science of logical reasoning.)  
  • यह आगमनात्मक विज्ञान है ।(It is an inductive science.)
  • गणित एक प्रायोगिक विज्ञान है। (Mathematics is a experimental science.) 
  • गणित मात्रात्मक तथ्यों और सम्बन्धों का अध्ययन है।(Mathematics is the study of quantitative facts and relationship) 
  • गणित में आवश्यक निष्कर्ष निकाले जाते हैं । (Mathematics is draws necessary conclusions.)


गणित की प्रकृति (Nature of Mathematics)


  1. गणित में संख्यायें (Numbers), स्थान (Place), दिशा (Magnitude) तथा मापन या माप-तौल (Measurement) का ज्ञान प्राप्त किया जाता है।
  2. गणित की अपनी भाषा (Language) है। भाषा का तात्पर्य-गणितीय पद (Mathematical terms), गणितीय प्रत्यय (Mathematical concepts), सूत्र (Formulae), सिद्धान्त (Principles) तथा संकेतों (Signs) से है जो कि विशेष प्रकार के होते हैं तथा गणित की भाषा को जन्म देते हैं ।
  3. गणित के ज्ञान का आधार हमारी ज्ञानेन्द्रियाँ (Sense organs) हैं।
  4. इसके ज्ञान का आधार निश्चित होता है जिससे इस पर विश्वास किया जा सकता है। 
  5. गणित का ज्ञान यथार्थ (Exact), क्रमबद्ध (Systematic), तार्किक (Logical) तथा अधिक स्पष्ट (Clear) होता है, जिससे उसे एक बार ग्रहण करके आसानी से भुलाया नहीं जा सकता।
  6. गणित में अमूर्त प्रत्ययों (Abstract concepts) को मूर्त रूप (Concrete form) में परिवर्तित किया जाता है, साथ ही उनकी व्याख्या भी की जाती है। 
  7. गणित के नियम, सिद्धान्त, सूत्र सभी स्थानों पर एक समान होते हैं जिससे उनकी सत्यता की जाँच (Verification) किसी भी समय तथा स्थान पर की जा सकती है।
  8. इसके अध्ययन में प्रत्येक ज्ञान तथा सूचना स्पष्ट होती है तथा उसका एक सम्भावित उत्तर निश्चित होता है। 
  9. इसके विभिन्न नियमों, सिद्धान्तों, सूत्रों आदि में सन्देह (Doubts) की सम्भावना नहीं रहती है।
  10. गणित के अध्ययन से आगमन (Induction), निगमन (Deduction) तथा सामान्यीकरण (Generalization) की योग्यता विकसित होती है।
  11. गणित के अध्ययन से बालकों में आत्मविश्वास (Confidence) और आत्मनिर्भरता (Self Reliance) का विकास होता है।
  12. इससे बालकों में स्वस्थ तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Scientific attitude) विकसित होता है। 
  13. इसमें प्रदत्तों अथवा सूचनाओं (संख्यात्मक) को आधार मानकर संख्यात्मक निष्कर्ष (Numerical Inferences) निकाले जाते हैं।
  14. गणित के ज्ञान का उपयोग (Application) विज्ञान की विभिन्न शाखाओं यथा भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान तथा अन्य विषयों के अध्ययन में किया जाता है। 
  15. गणित, विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के अध्ययन में सहायक ही नहीं, बल्कि उनकी प्रगति तथा संगठन की आधारशिला है।

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