विस्मरण या विस्मृति (Forgetting)
अर्थ (Meaning)-
किसी सीखी हुई वस्तु को स्मरण न कर सकना विस्मृति या विस्मरण कहलाती है। हमारे जीवन में अनेक ऐसी बातें जिन्हें हम भूल जाते हैं। मनुष्य के सफल जीवन के लिए स्मृति जितनी आवश्यक है विस्मृति भी उतनी ही आवश्यक है।
जैसे – अप्रिय बातों को या दुख की बातों को भूल जाना ही हमारे लिए अच्छा होता है। इससे मानसिक तनाव दूर हो जाता है। इस प्रकार हमारे जीवन में विस्मृति का भी उतना ही महत्व है जितना कि स्मृति का है।
इसी प्रकार यदि हम अनावश्यक (Unnecessary) तथा अनुपयोगी (Useless) चीजों अथवा बातों का विस्मरण न करें तो नई आवश्यक, उपयोगी तथा सार्थक (Meaningful) विषय सामग्री (Subject-matter) को अपनी स्मृति में धारण करने में विफल रहेंगे । इसे मनोवैज्ञानिकों ने ऋणात्मक स्मृति (Negative memory) भी कहा है ।
परिभाषाएं (Definitions)-
मन (Munn) के अनुसार - सीखे हुए तथ्यों को धारण करने या धारण करने के पश्चात् उन्हें पुनःस्मरण करने की असफलता को विस्मृति कहते हैं। (Forgetting is failing to retain or to be unable to recall what has been acquired.)
ड्रेवर (Draver) के अनुसार - किसी समय प्रयास करने पर भी किसी पूर्व अनुभव का स्मरण करने या पहले सीखी हुई क्रिया को करने में असफल होना ही विस्मरण है।(Forgetting means failure at any time to recall an experience, when attempting to do so or to perform an action previously learned.)
सिगमण्ड फ्रायड (Sigman Freud) के अनुसार - “विस्मृति वह प्रवृत्ति है जो व्यक्ति के जीवन की दुःखद् तथा पीड़ादायक अनुभूतियों को चेतन से अलग करती है।” (Forgetting is a tendency toward off from the consciousness those experiences of life which are unpleasant and painful.)
उपरोक्त परिभाषाओं के विश्लेषण से-
विस्मरण वह मानसिक प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति पूर्व में सीखे अनुभवों अथवा विषय-सामग्री (Content) का प्रत्यास्मरण (Recall) अथवा प्रतिभिज्ञान करने में असफल रहता है। विस्मृति व्यक्ति को कष्ट पहुँचाने वाले अनुभवों को चेतन में आने से रोकने का प्रयास करती है ।
विस्मृति के प्रकार (Types of Forgetting)
विस्मृति को मनोवैज्ञानिकों ने उसकी प्रकृति के आधार पर दो प्रकार की मानसिक प्रक्रिया में विभक्त किया है -
(1) सक्रिय विस्मृति (Active Forgetting)
(2) निष्क्रिय विस्मृति (Passive Forgetting)
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