Monday, May 17, 2021

सृजनात्मकता (Creativity)

 सृजनात्मकता/रचनात्मकता (Creativity)

अर्थ (Meaning) -  सृजनात्मकता (Creativity) सामान्य रूप से जब हम किसी वस्तु या घटना के बारे में विचार करते हैं तो हमारे मन-मस्तिष्क में अनेक प्रकार के विचार उत्पन्न  होते  है। उत्पन्न विचारों को जब हम व्यावहारिक (Practical) रूप प्रदान करते हैं तो उसके पक्ष एवं विपक्ष (Pros and Cons), लाभ एवं हानियाँ (Profit and Losses) हमारे समक्ष आती हैं। इस स्थिति में हम अपने विचारों की सार्थकता एवं निरर्थकता (Meaningful and Meaningless) को पहचानते हैं। सार्थक विचारों को व्यवहार में प्रयोग करते हैं। इस प्रकार की स्थिति सृजनात्मक चिन्तन/सृजनात्मकता (Creativity)  कहलाती है।

 उदाहरण- जेम्स वाट एक वैज्ञानिक था। उसने रसोईघर से आने वाली एक आवाज को सुना तथा जाकर देखा कि चाय की केतली का ढक्कन बार-बार उठ रहा है तथा गिर रहा है। एक सामान्य व्यक्ति के लिये सामान्य घटना थी परन्तु सृजनात्मक व्यक्ति के लिये सृजनात्मक चिन्तन का विषय थी।

यहाँ से सृजनात्मक चिन्तन (Creative Thinking) की प्रक्रिया प्रारम्भ होती है। जेम्सवाट ने सोचा कि भाप में शक्ति होती है इसके लिये उसने केतली के ढक्कन पर पत्थर रखकर उसकी शक्ति का परीक्षण किया। इसके बाद उसने उसका उपयोग दैनिक जीवन में करने पर विचार किया तथा भाप के इन्जन का निर्माण करने में सफलता प्राप्त की।


परिभाषाएं (Definitions)

1. क्रो एवं क्रो (Crow & Crow)  के अनुसार - सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को व्यक्त करने वाली मानसिक प्रक्रिया है। (Creativity is a mental process to express the original outcomes.)

2. जेम्स ड्रेवर (James Drever) के अनुसार-  “सृजनात्मकता मुख्यतः नवीन रचना या उत्पादन में होती है।” (Creativity is essentially found in new constructions or productions.)

3. कोल और ब्रूस (Cole & Bruce) के अनुसार- “सृजनात्मकता एक मौलिक उत्पादन के रूप में मानव-मन की ग्रहण करने, अभिव्यक्त करने और गुणांकन करने की योग्यता एवं क्रिया है।" (Creativity is an ability and activity of man's mind to grasp, express and appreciate in the form of an original product.)

4. हैमोविज एवं हैमोविज (Haimowitz & Haimowitz)  के अनुसार-  सृजनात्मकता व्यक्ति की वह क्षमता है जो उसे नवाचार (innovation) करने, आविष्कार करने तथा चीजों को इस तरह नये ढंग से रखने, जिस तरह वे पहले कभी न रखी गयी हों ताकि उनके महत्व या सुन्दरता में वृद्धि हो सके। (Creativity has been defined as the capacity to innovate, to invent, to place elements in a way in which they have never been placed, so that their value or beauty is enhanced.)

5. आइसेंक (Eysenck) के अनुसार-  “सृजनात्मकता वह योग्यता है जिसके द्वारा नये सम्बन्धों का ज्ञान होता है, असाधारण विचारों की उत्पत्ति होती है तथा परम्परागत ढंग (Pattern) से हट कर चिन्तन किया जाता है। " (Creativity is the ability to see relationship, to produce unusual ideas and to deviate from traditional pattern of thinking.) 

6. स्किनर  (Skinner) के अनुसार– “सृजनात्मक विचारक वह है जो नवीन क्षेत्रों को खोजता है, नये प्रकार से अवलोकन करता है, नवीन भविष्यवाणी करता है तथा नवीन निष्कर्ष निकालता है।”(The creative thinker is one who explores new areas and makes new observations, new prediction and new inferences.)

7. स्टेल (Steil)  के अनुसार - जब किसी कार्य का परिणाम नवीन हो और जो किसी समय में समूह के द्वारा स्वीकृत हो , उपयोगी हो, वह कार्य सृजनात्मकता कहलाता है । (When it results in a novel work that is accepted as tenable or useful or satisfying by a group at some point in time.)

 परिभाषाओं का विश्लेषण करने पर हम कह सकते हैं कि
सृजनात्मकता व्यक्ति की वह क्षमता (Ability) है जो उसे कुछ नयी खोज करने, किसी समस्या के समाधान हेतु परम्परागत (Traditional) विधियों से हटकर अनेक प्रकार की नवीन विधियों का प्रयोग करने, मौलिक (original) रूप से चिन्तन करने तथा समाज के उपयोग हेतु नवीन उत्पादों का सृजन करने में सहायता प्रदान करती है।


सृजनात्मकता की प्रकृति (Nature of Creativity)

1. सृजनात्मकता सार्वभौमिक (Universal) होती है। प्रत्येक व्यक्ति में किसी न किसी प्रकार की कुछ न कुछ सृजनात्मकता (Creativity) होती है।
2. सृजनात्मकता (Creativity)  द्वारा पूर्ण अथवा आंशिक रूप से नये विचार अथवा नवीन  वस्तु की उत्पत्ति होती है। 
3. सृजनात्मकता (Creativity)  से मौलिक (Original) परिणाम प्राप्त होते हैं जो व्यक्ति तथा समाज दोनों के लिए लाभदायक होते हैं। 
4. सृजनशील व्यक्ति के विचारों में लचीलापन (Flexibility) होती  है अतः वह अपने विचारों में सदैव परिवर्तन तथा परिमार्जन (Modification) करने के लिए तत्पर रहता है।
5 . सृजनात्मकता एक ऐसी अनोखी (Unique) मानसिक प्रक्रिया है जिसके साथ व्यक्ति की अन्य योग्यताएँ भी जुड़ी होती हैं।

7. सृजनात्मकता (Creativity)  में चिन्तन की प्रकृति अभिप्रेरित तथा स्थाई होती है।
8. सृजनात्मकता अभिव्यक्ति सृजक को आनन्द तथा सन्तोष (Joy and Satisfaction) प्रदान करती है। 
9. सृजनात्मक व्यक्ति अपने कार्य को इतनी तल्लीनता (धुन) से करते हैं कि लोग उनको सनकी अथवा पागल
समझने लगते हैं। 
10. सृजनात्मक चिन्तन की प्रक्रिया में बहु-प्रतिक्रियाओं (Multiplicity of responses) को प्रोत्साहित किया जाता है। 
11. सृजनात्मक क्षमताएँ यद्यपि जन्म-जात होती हैं लेकिन प्रशिक्षण तथा अच्छे वातावरण के द्वारा इनका कुछ सीमा तक विकास किया जा सकता है।


 सृजनात्मकता के  क्षेत्र  (Scope of Creativity)

 विभिन्न विचारकों के अनुसार सर्जनात्मकता के प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं-

  1.  विज्ञान (Science) - इसके अन्तर्गत भौतिकी (Physics), रसायन (Chemistry), औषधि-निर्माण (Drug manufacturing) आदि से सम्बन्धित हर प्रकार के  अविष्कार  (Invention )एवं अनुसंधान आ जाते हैं।
  2. कला-कौशल (Art- skills) - संगीत, नृत्य, चित्रकला, वास्तुकला तथा धातु, काष्ठ, चर्म, कागज  आदि से सम्बंधित कौशल भी सृजनात्मक के अंतर्गत आते हैं।
  3. तकनीकी (Technology)- इसमें विशेष रूप से मशीनों, उनके यंत्रों और पुर्जों आदि के निर्माण का क्षेत्र आ जाता है । 
  4. साहित्य (Literature)- इसके अन्तर्गत कविता (poem), कहानी (Story), नाटक (drama), उपन्यास (Novel), निबन्ध (Essay) आदि की रचना तथा भाषणकला,  लेखन -कला सम्मिलित है।
  5. सामाजिक क्षेत्र  (Social Area)- व्यक्ति को समाज में आपस में एक दूसरे के सहयोग द्वारा अनेक प्रकार के सामाजिक  क्रियाओं-धार्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, राजनैतिक आदि को सम्पादित करना पड़ता है और अनेक समस्याओं का  समाधान करना पड़ता है। इन सभी अवसरों पर व्यक्ति अपनी सृजनात्मक शक्ति का प्रयोग करता है। 
  6. व्यक्तिगत क्षेत्र (Individual  Area )-  व्यक्ति अपने व्यक्तिगत जीवन में किसी व्यवसाय, उद्योग या कार्य में लगा रहता वह सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और शैक्षिक, प्रशासनिक जिस क्षेत्र में रहता है, अपनी सृजनात्मकता का प्रयोग करता  है।
  7. मानसिक प्रक्रियाओं का क्षेत्र (Field of mental Processes) - विभिन्न मानसिक प्रक्रियाओं जैसे कल्पना (Imagination), चिन्तन (Thinking), तर्क (Logic), समस्या-समाधान (Problem Solving)  सृजनात्मकता के  प्रमुख भाग होते  है।



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