सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence)
सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence), सामाजिक संदर्भों में स्वयं के और दूसरों के कार्यों को समझने और प्रबंधित करने की क्षमता (ability to understand and manage) है, जो व्यक्तियों को सामाजिक अंतःक्रियाओं (social interactions) और संबंधों (Relations) को प्रभावी ढंग से निभाने में मदद करती है। इसमें मौखिक और अशाब्दिक संचार (verbal and non-verbal communication), सहानुभूति (empathy), परिस्थितिजन्य जागरूकता (situational awareness), स्वर, भावना और शारीरिक भाषा (Skills like interpreting tone, Emotion and body language) की व्याख्या जैसे कौशल शामिल हैं। ऐतिहासिक रूप से, इस अवधारणा को 20वीं शताब्दी के आरंभ में एडवर्ड थार्नडाइक (Edward Thorndike) ने मानवीय संबंधों में समझदारी से कार्य करने की क्षमता (Capacity to act wisely in human relations) के रूप में परिभाषित किया था।
सामाजिक बुद्धि (Social Intelligence) विभिन्न परिस्थितियों में दूसरे व्यक्तियों के साथ सफलतापूर्वक अन्तःक्रिया करने की योग्यता है ।
काल एल्ब्रेच्ट ने पारस्परिक कौशल (Interpersonal skills) के आधार पर मानवीय व्यवहार को दो श्रेणियों में विभक्त किया है-
- विषैला तीखा व्यवहार (Toxic Behaviour):- यह व्यक्ति को उचित अनुभवों (Appropriate experiences), चुनौतियों (challenges) तथा विकास के अवसरों द्वारा मूल्यहीन ((worthless), क्रोधी (Angry), हताश (frustrated), अपराधबोधी और अभावग्रस्त (Guilty and deprived) होने का अनुभव करता है।
- पोषक व्यवहार (Nourishing Behaviour):- व्यक्ति को मूल्यवान, सम्मानित, दृढ़-प्रतिज्ञ, उत्साहित तथा सक्षम (Valued, respected, determined, motivated and capable) होने का बोध कराता है।
सामाजिक बुद्धि की प्रकृति एवं विशेषताएँ
(Nature and Characteristics of Social Intelligence)
- सामाजिक बुद्धि कुछ अंश में जन्मजात होती है लेकिन इसका अधिकांश भाग व्यक्ति समाज के साथ अन्तःक्रिया करके अपने अनुभवों द्वारा अर्जित करता है।
- व्यक्ति की सामाजिक बुद्धि में उचित अनुभवों, चुनौतियों तथा विकास के अवसरों द्वारा जीवन-पर्यन्त वृद्धि होती रहती है।
- सामाजिक बुद्धिमत्ता में आत्म-जागरूकता (अपनी भावनाओं और प्रेरणाओं को समझना) और सामाजिक जागरूकता (दूसरों की भावनाओं और दृष्टिकोणों के साथ सहानुभूति रखना) दोनों शामिल हैं।
- इसमें संबंध बनाने और बनाए रखने, प्रभावी ढंग से संवाद करने, सामाजिक संकेतों की व्याख्या करने और विभिन्न सामाजिक परिस्थितियों के अनुसार व्यवहार को अनुकूलित करने की क्षमता शामिल है।
- सामाजिक बुद्धिमत्ता संघर्षों को सुलझाने, स्वयं को उचित रूप से व्यक्त करने और अलिखित सामाजिक नियमों या भूमिकाओं को समझने में मदद करती है।
- आवेगों को नियंत्रित करना, सोच-समझकर प्रतिक्रिया करना और पारस्परिक बातचीत में अपनी भावनाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना।
- यह व्यक्ति को सर्वोत्कृष्ट तरीके से अपने वातावरण को समझने तथा उसके साथ सफलतापूर्वक सामंजस्य स्थापित करने को क्षमता को प्रकट करती है।
- सामाजिक बुद्धि व्यक्ति को दूसरे लोगों द्वारा की गयी अनुक्रियाओं के प्रति संवेदनशील होने के लिए अभिप्रेरित करती है।
- सामाजिक बुद्धि व्यक्ति को सामाजिक मामलों की गहनता से जानकारी प्राप्त करने में सहायता प्रदान करती है।
सामाजिक बुद्धि के तत्व (Elements of Social Intelligence)
- मौखिक प्रवाह और संवाद कौशल (Verbal Fluency and Conversational Skills): प्रभावी ढंग से संवाद करने, सहजता से बातचीत करने और विभिन्न सामाजिक संदर्भों के अनुसार संचार शैली (Communication style) को अनुकूलित करने की क्षमता है। ये सामाजिक अभिव्यक्ति कौशल (social expressiveness skills) का हिस्सा हैं जो "कार्यक्रम में भाग लेने" और बातचीत को सहज और आकर्षक बनाने में मदद करते हैं।
- सामाजिक भूमिकाओं, नियमों और लिपियों का ज्ञान (Knowledge of Social Roles, Rules and Scripts): विभिन्न संदर्भों में अव्यक्त सामाजिक मानदंडों (unspoken social norms), भूमिकाओं और अपेक्षित व्यवहारों (expected behaviors) को समझने से व्यक्ति सामाजिक अंतःक्रियाओं (social interactions) को उचित रूप से संचालित कर पाता है और सामाजिक रूप से परिष्कृत (sophisticated) दिखाई देता है।
- प्रभावी श्रवण कौशल (Effective Listening Skills): सक्रिय और सहानुभूतिपूर्ण श्रवण (Active and empathetic listening) दूसरों को यह महसूस कराने में मदद करता है कि उनकी बात सुनी और समझी जा रही है, जो तालमेल और सार्थक सामाजिक संबंध बनाने की कुंजी है।
- दूसरे लोगों के व्यवहार को ठीक से समझना (Understanding other people's behavior): लोगों के कार्यों और शब्दों के पीछे छिपी भावनाओं, इरादों और प्रेरणाओं को समझने की क्षमता, जिससे सामाजिक संकेतों पर बुद्धिमानी से प्रतिक्रिया देना संभव हो पाता है।
- भूमिका-निर्वाह और सामाजिक आत्म-प्रभावकारिता (Role-Playing and Social Self-Efficacy): विभिन्न सामाजिक भूमिकाओं को सहजता से अपनाना और सामाजिक अंतःक्रियाओं में आत्मविश्वास प्रदर्शित करना, जिससे सामाजिक प्रभावशीलता और प्रवाहशीलता (social effectiveness and fluidity) बढ़ती है।
- प्रभाव प्रबंधन कौशल (Impression Management Skills): प्रामाणिकता बनाए रखते हुए दूसरों के सामने अपनी छवि का प्रबंधन करना—अवास्तविक (inauthentic) हुए बिना सकारात्मक सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा देने के लिए आत्म-प्रस्तुति को संतुलित (balancing self-presentation) करना। यह SI का सबसे जटिल तत्व है जो प्रबंधन की सबसे जटिल कला (Dangerous Art of Management) के नाम से भी जाना जाता है। अच्छी SI वाले व्यक्ति दूसरे लोगों पर अपने सामाजिक प्रभाव की छाप छोड़ने में सफल होते हैं। ये अपने सामाजिक प्रभाव के प्रबन्धन तथा नियन्त्रण के बीच उचित सन्तुलन बनाये रखने में समर्थ होते हैं जिससे दूसरे लोगों के साथ अच्छे सामाजिक सम्बन्ध स्थापित हो सके तथा उनका रख-रखाव (maintenance) कर सके।
सामाजिक जागरूकता कौशल विकसित करने के तरीके
(Ways to Develop Social Awareness Skills)
- सक्रिय श्रवण का अभ्यास करना (Practice Active Listening): बिना टोके वक्ता पर पूरा ध्यान केंद्रित करना। मौखिक और अशाब्दिक संकेतों पर ध्यान देना और समझ दिखाने के लिए भावनाओं को व्यक्त करना। इससे सहानुभूति और मज़बूत संबंध बनते हैं।
- सामाजिक संकेतों का अवलोकन करना (Observe Social Cues): बातचीत के दौरान दूसरों की भावनाओं और इरादों को बेहतर ढंग से समझने के लिए शारीरिक भाषा, चेहरे के भाव, आवाज़ के लहजे और हाव-भाव पर ध्यान देने की आदत डालना ।
- सहानुभूति का विस्तार करना (Expand Empathy): दूसरों की भावनाओं और दृष्टिकोणों को समझने के लिए खुद को उनके स्थान पर रखें। विविध साहित्य पढ़ना, फ़िल्में देखना या अलग-अलग लोगों के साथ बातचीत करने से सहानुभूति बढ़ सकती है।
- खुले प्रश्न पूछना (Ask Open-Ended Questions): दूसरों को अपने विचारों और भावनाओं के बारे में और अधिक साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे न केवल समझ में सुधार होता है, बल्कि उनके दृष्टिकोण में वास्तविक रुचि भी प्रदर्शित होती है।
- अपनी प्रतिक्रियाओं के प्रति सचेत रहना (Be Mindful of Your Own Responses): सामाजिक परिस्थितियों पर अपनी भावनात्मक और व्यवहारिक प्रतिक्रिया पर नज़र रखें। आत्म-जागरूकता का अभ्यास करने से आप प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित कर सकते हैं और अधिक सोच-समझकर बातचीत कर सकते हैं।
- प्रतिक्रिया प्राप्त करना (Seek Feedback): सामाजिक परिस्थितियों को समझने में सुधार के क्षेत्रों और कमियों की पहचान करने के लिए अपने विश्वसनीय मित्रों या सहकर्मियों से अपनी सामाजिक बातचीत पर प्रतिक्रिया मांगें।
- सामाजिक परिस्थितियों में शामिल होना (Engage in Social Situations): अपने कौशल का अभ्यास करने के लिए नियमित रूप से खुद को विभिन्न सामाजिक संदर्भों में शामिल रखें। इस पर विचार करें कि क्या कारगर रहा, क्या नहीं और उसके अनुसार समायोजन करें।
- आदर्शों से सीखना (Learn from Role Models): सामाजिक रूप से कुशल व्यक्तियों का अवलोकन करें, ध्यान दें कि वे बातचीत कैसे करते हैं, संघर्षों को कैसे संभालते हैं और दूसरों के साथ प्रभावी ढंग से कैसे जुड़ते हैं।
- सांस्कृतिक क्षमता विकसित करना (Develop Cultural Competence): संचार शैलियों और सामाजिक मानदंडों (communication styles and social norms) को प्रभावित करने वाले सांस्कृतिक अंतरों को समझें और उनका सम्मान करें, जिससे विभिन्न समूहों में सामाजिक संकेतों की बेहतर व्याख्या संभव हो सके।
No comments:
Post a Comment
Please follow, share and subscribe