Monday, September 15, 2025

अध्यापक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (National Curriculum Framework for Teacher Education)

अध्यापक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 
 (National Curriculum Framework for Teacher Education)


अध्यापक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFTE) भारत में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा विकसित एक नीति दस्तावेज है, जिसे पहली बार 2009 में जारी किया गया था, जो समकालीन (Contemporary) शैक्षिक आवश्यकताओं और सुधारों के साथ शिक्षकों की तैयारी और व्यावसायिक विकास के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करता है। NCFTE 2009 भारत सरकार का एक मसौदा (Draft) है, जो राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद में आवश्यक परिवर्तन और अद्यतन (Update) प्रस्तावित करने के लिए बनाया गया है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिनियम, 1993 (73, 1993) के तहत 1995 में की गई थी।

यह रूपरेखा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) का एक प्रयास है जिसका उद्देश्य इच्छुक पक्षों और हितधारकों (Stakeholders) को स्कूल, स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरेट स्तरों पर शिक्षकों की शिक्षा में प्राप्त किए जा सकने वाले गुणात्मक और मात्रात्मक सुधारों पर अपने विचार देने के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे पहले 1978 में परिषद द्वारा ही एक "पाठ्यचर्या रूपरेखा (Curriculum Framework)" विकसित की गई थी (जो उस समय एक स्वतंत्र निकाय न होकर केवल एक विभाग था), जिसके बाद 1988 में शिक्षक शिक्षा के लिए एनसीईआरटी (NCERT) रूपरेखा तैयार की गई, जिसके परिणामस्वरूप 1998 में एनसीटीई द्वारा "गुणवत्तापूर्ण शिक्षक शिक्षा के लिए पहला पाठ्यक्रम रूपरेखा" तैयार की गई। इसके बाद 2005 में मुकेश देवनाथ ने इसे आगे बढ़ाया। इसे भारतीय शिक्षा में समकालीन चुनौतियों, जैसे कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 की शुरुआत, को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया था।

NCFTE न केवल व्यक्तिगत शिक्षार्थियों, बल्कि राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देता है। यह दस्तावेज़ शिक्षक शिक्षा और स्कूली शिक्षा के बीच सहजीवी संबंध को रेखांकित करता है, और इस बात पर ज़ोर देता है कि दोनों क्षेत्र एक-दूसरे की गुणवत्ता और उद्देश्य को सुदृढ़ करते हैं। इसे व्यापक परामर्श के माध्यम से विकसित किया गया है, जिसमें पिछले पाठ्यक्रम ढाँचों, शिक्षा नीति अनुशंसाओं और देश भर के विशेषज्ञों से प्राप्त प्रतिक्रिया से अंतर्दृष्टि प्राप्त की गई है।


मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics)


  • चिंतनशील अभ्यास पर ध्यान (Reflective Practice Focus): एनसीएफटीई शिक्षकों को चिंतनशील अभ्यासकर्ता के रूप में तैयार करने पर केंद्रित है, जिससे उन्हें अपनी शिक्षण विधियों का आलोचनात्मक विश्लेषण और नवाचार करने का अधिकार मिलता है।
  • सिद्धांत और व्यवहार का एकीकरण (Integration of Theory and Practice): यह प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विस्तारित, मार्गदर्शन प्राप्त स्कूल इंटर्नशिप को शामिल करके शैक्षिक सिद्धांत और वास्तविक कक्षा अनुभव के बीच की खाई को पाटने पर ज़ोर देता है।
  • आलोचनात्मक शिक्षाशास्त्र और रचनावाद (Critical Pedagogy and Constructivism): यह रूपरेखा एक रचनावादी दृष्टिकोण को बढ़ावा देती है, शिक्षार्थी-केंद्रित और सहभागी शिक्षण को प्रोत्साहित करती है जो आलोचनात्मक जाँच और समस्या-समाधान के कौशल का निर्माण करती है।
  • विस्तारित अवधि और व्यापक पाठ्यक्रम (Extended Duration and Comprehensive Curriculum): शिक्षक शिक्षा, विशेष रूप से बी.एड. जैसे प्रारंभिक (सेवा-पूर्व) कार्यक्रमों को एक वर्ष से दो वर्ष में बदलने की सिफारिश की गई थी, जिसमें आधारभूत अध्ययन, पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धति, और पर्याप्त स्कूल इंटर्नशिप शामिल हों।
  • सतत व्यावसायिक विकास (Continuous Professional Development):  एनसीएफटीई सेवा-पूर्व और सेवाकालीन शिक्षक शिक्षा, दोनों को एकीकृत करता है, निरंतर व्यावसायिक शिक्षा और नवाचार एवं समर्थन के लिए शिक्षण-अधिगम केंद्रों की स्थापना का समर्थन करता है।
  • मूल्यांकन और मूल्यांकन सुधार (Assessment and Evaluation Reforms): यह प्रशिक्षणरत शिक्षकों के निरंतर और व्यापक मूल्यांकन की वकालत करता है, जिसमें पोर्टफोलियो और अवलोकन जैसे उपकरणों के माध्यम से कौशल, दृष्टिकोण और चिंतनशील क्षमताओं का मूल्यांकन किया जाता है।
  • समावेश और समानता (Inclusion and Equity): यह ढांचा समावेशी शिक्षा को दृढ़ता से बढ़ावा देता है, लिंग, विविधता और सभी शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करता है, साथ ही डिजिटल साक्षरता के लिए आईसीटी को भी एकीकृत करता है।
  • शिक्षक प्रशिक्षकों का सुदृढ़ीकरण (Strengthening Teacher Educators): शिक्षकों के सतत व्यावसायिक विकास पर प्रशिक्षण, सहयोगात्मक अनुसंधान और नई पद्धतियों से परिचित कराने के माध्यम से ज़ोर दिया जाता है।
  • समुदाय और जीवन की प्रासंगिकता (Community and Life Relevance): ज्ञान के संबंधों को पाठ्यपुस्तकों से परे स्कूल के बाहर के जीवन से जोड़ा जाता है, जिससे सार्थक शिक्षा के लिए सामुदायिक ज्ञान और अनुभवों का लाभ उठाया जाता है।



मुख्य उद्देश्य (Main Objectives)

शिक्षक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFTE) 2009 के उद्देश्य भारत में शिक्षक शिक्षा को पुनर्जीवित और आधुनिक बनाना है, ताकि यह समकालीन विद्यालयों और समाज की आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी बन सके।

  • चिंतनशील अभ्यास को बढ़ावा देना (Promote Reflective Practice): शिक्षकों को चिंतनशील अभ्यासकर्ता के रूप में तैयार करना जो अपने शिक्षण विश्वासों का आलोचनात्मक विश्लेषण करें और अपनी कक्षा रणनीतियों में निरंतर सुधार करें।
  • सिद्धांत और व्यवहार के बीच सेतु का निर्माण (Bridge Theory and Practice): यह सुनिश्चित करना कि शिक्षक शिक्षा, विशेष रूप से विस्तारित इंटर्नशिप और स्कूल सहभागिता के माध्यम से, शैक्षणिक सिद्धांत को व्यावहारिक कक्षा अनुभव के साथ घनिष्ठ रूप से एकीकृत करें।
  • बाल-केंद्रित और समावेशी दृष्टिकोण अपनाना (Adopt Child-Centered and Inclusive Approaches): शैक्षणिक प्रथाओं को अधिक छात्र-केंद्रित और समावेशी बनाने की ओर मोड़ना, विविध शिक्षण आवश्यकताओं को समायोजित करना  और सक्रिय छात्र भागीदारी को प्रोत्साहित करना ।
  • पेशेवर और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देना (Foster Professional and Ethical Values): ऐसे शिक्षकों का विकास करना जो न केवल पेशेवर रूप से सक्षम हों, बल्कि मानवीय, नैतिक और समानता, लिंग और सामाजिक न्याय के मुद्दों के प्रति संवेदनशील भी हों।
  • सतत व्यावसायिक विकास सुनिश्चित करना (Ensure Continuous Professional Development): शिक्षकों के संपूर्ण करियर में उनके निरंतर सीखने और विकास में सहायता करना, प्रारंभिक प्रशिक्षण से आगे बढ़कर आजीवन सीखने और सेवाकालीन शिक्षा की ओर बढ़ाना ।
  • प्रौद्योगिकी और समुदाय का लाभ उठाना (Leverage Technology and Community): शिक्षक शिक्षा में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) को एकीकृत करना और कक्षा के ज्ञान और वास्तविक दुनिया के सामुदायिक जीवन के बीच संबंधों को प्रोत्साहित करना।
  • शिक्षक प्रशिक्षकों को सशक्त बनाना (Empower Teacher Educators): शिक्षक प्रशिक्षकों को उन्नत कौशल से सुसज्जित करना और शिक्षक प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए उनके व्यावसायिक विकास में सहायता करना ।
  • छात्र-केंद्रित शिक्षा को बढ़ावा देना (Promote Student-Centered Learning): शिक्षकों को ऐसे शिक्षण को सुगम बनाने के लिए प्रोत्साहित करना जहाँ छात्र सक्रिय रूप से भाग लें और शिक्षण को निष्क्रिय के बजाय अंतःक्रियात्मक (interactive) बनाएँ।
  • समावेशी कक्षाएँ (Inclusive Classrooms): ऐसा शिक्षण वातावरण बनाना, जो सभी छात्रों को शामिल करे, विशेष आवश्यकता वाले छात्रों सहित, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक बच्चे को स्वागत और समर्थन (welcomed and supported) का अनुभव हो।
  • नैतिक और मानवीय शिक्षण (Ethical and Humane Teaching): ऐसे शिक्षकों का विकास करना जो उच्च नैतिक मानकों का पालन करें और विविधता के प्रति सम्मान को बढ़ावा दें, जिससे कक्षा में सकारात्मक और सम्मानजनक संस्कृति का निर्माण हो।
  • हितधारकों के साथ सहयोग (Collaboration with Stakeholders): शिक्षा की समग्र गुणवत्ता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए शिक्षकों, विद्यालयों और नीति निर्माताओं के बीच टीम वर्क को प्रोत्साहित करना ।

आवश्यकता और महत्व (Need and Importance)

शिक्षक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFTE) 2009 की आवश्यकता और महत्व भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उभरती चुनौतियों और माँगों से उत्पन्न होता है, जो छात्रों के सीखने और सामाजिक प्रगति को आकार देने में शिक्षकों की आधारभूत भूमिका पर ज़ोर देता है।

 आवश्यकता (Need):

  • सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई को पाटना (Bridging Theory and Practice Gap):  पहले के शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों की आलोचना इस बात के लिए की जाती थी कि वे सिद्धांत पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित करते थे और पर्याप्त व्यावहारिक कक्षा अनुभव प्रदान करने में विफल रहते थे। NCFTE शिक्षक तैयारी को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए चिंतनशील अभ्यास और स्कूल इंटर्नशिप को एकीकृत करके इस समस्या का समाधान करता है।
  • शैक्षिक सुधारों पर प्रतिक्रिया (Responding to Educational Reforms): राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के कार्यान्वयन के साथ, शिक्षक शिक्षा को तदनुसार संरेखित (Aligned) करने की तत्काल आवश्यकता थी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शिक्षक समावेशी, बाल-केंद्रित और न्यायसंगत कक्षाओं में काम करने के लिए सुसज्जित हों।
  • शिक्षण का व्यवसायीकरण (Professionalization of Teaching): शिक्षण के लिए अन्य व्यवसायों की तरह गहन तैयारी की आवश्यकता होती है। इस ढाँचे का उद्देश्य शिक्षक शिक्षा को गहन, शोध-आधारित और नैतिकता-केंद्रित बनाकर शिक्षण की स्थिति को ऊँचा उठाना है।
  • विविधता और समावेशन पर ध्यान (Addressing Diversity and Inclusion): भारतीय कक्षाएँ विविध हैं, और उन्हें ऐसे शिक्षकों की आवश्यकता है जो हाशिए पर पड़े समूहों सहित विभिन्न शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें, जिस पर NCFTE समावेशी शिक्षाशास्त्र और समानता के माध्यम से ज़ोर देता है।
  • प्रौद्योगिकी का समावेश (Incorporation of Technology): शिक्षा में डिजिटल उपकरणों की बढ़ती भूमिका को स्वीकार करते हुए, NCFTE आधुनिक कक्षाओं के लिए शिक्षकों को तैयार करने हेतु शिक्षक प्रशिक्षण में आईसीटी कौशल को एकीकृत करने की वकालत करता है।


 महत्व (Importance):

  • शिक्षक गुणवत्ता में सुधार (Improving Teacher Quality):  यह एक व्यापक पाठ्यक्रम ढाँचा (Curriculum Stucture) प्रदान करता है जो यह सुनिश्चित करता है कि शिक्षकों के पास छात्रों के सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए प्रासंगिक ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण हों।
  • चिंतनशील और आलोचनात्मक अभ्यास को बढ़ावा देना (Enhancing Reflective and Critical Practice):  यह शिक्षकों को चिंतनशील अभ्यासकर्ता के रूप में विकसित करता है जो अपने शिक्षण के बारे में गंभीरता से सोचते हैं और निरंतर सुधार की तलाश करते हैं।
  • व्यावसायिक विकास (Professional Development): प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद निरंतर सीखने और शिक्षक कौशल के उन्नयन पर ज़ोर देता है, जिससे आजीवन व्यावसायिक विकास की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
  • व्यवस्थित शैक्षिक सुधार (Systemic Educational Improvement): शिक्षक शिक्षा सुधार को स्कूली शिक्षा सुधार से जोड़कर, इस ढाँचे का उद्देश्य पूरे भारत में शिक्षा की गुणवत्ता में व्यवस्थित सुधार लाना है।
  • पाठ्यचर्या और शिक्षणशास्त्र को नया रूप देना (Reshaping Curriculum and Pedagogy): यह शिक्षार्थी-केंद्रित, गतिविधि-आधारित, समावेशी शिक्षण विधियों की वकालत करता है जो समकालीन शैक्षिक आदर्शों के अनुरूप हों।


  • (https://teachers.institute/contemporary-india-education/redefining-teacher-education-ncfte-2009/)
  • (https://www.scribd.com/document/693557408/Ncf-2005-and-Ncfte-2009)
  • (https://www.slideshare.net/slideshow/national-curriculum-framework-for-teacher-education/274425469)
  • (https://ncte.gov.in/website/PDF/NCFTE_2009.pdf)
  • (http://ijmsrr.com/downloads/020520177.pdf)
  • (https://www.iitms.co.in/blog/national-curriculum-framework-for-teacher-education.html)
  • (https://en.wikipedia.org/wiki/National_Curriculum_Framework_for_Teacher_Education)
  • (https://www.youtube.com/watch?v=kLTBlg1H3Lc)
  • (https://sprcemoocs.in/mod/resource/view.php?id=88)

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