बुद्धि-परीक्षणों की उपयोगिता (Utility of Intelligence Tests)
शिक्षा के क्षेत्र में बुद्धि-परीक्षणों का महत्वपूर्ण स्थान है। आधुनिक शिक्षा शास्त्रियों के अनुसार बालक को केन्द्र मानकर शिक्षा देना चाहिए। इसलिए बालक की बुद्धि और योग्यता को ध्यान में रखते हुए शिक्षा प्रदान करना आवश्यक हो जाता है । इस दृष्टि से बुद्धि परीक्षण शिक्षा का महत्वपूर्ण साधन बन गयी है । शिक्षा में बुद्धि परीक्षणों की उपयोगिता निम्न है -
1. किसी कक्षा प्रवेश के लिए (Admission in a Particular Class)- बुद्धि परीक्षणों की सहायता से यह पता लगाया जा सकता है कि कोई बालक किसी कक्षा विशेष में प्रवेश लेने योग्य बुद्धि रखता है अथवा नहीं।
2. छात्रों का वर्गीकरण (Classification of Students)- बुद्धि परीक्षणों की सहायता से बच्चों को उनके मानसिक स्तर के अनुसार अलग-अलग वर्गों में बाँटकर उनके मानसिक स्तर के अनुसार पाठ्यक्रम, अध्यापक तथा शिक्षण विधि की व्यवस्था की जा सकती है ।
3. शैक्षिक रूप से पिछड़े तथा अतिग्राही बालकों का पता लगाना (To know the under and over achiever students)- बुद्धि-लब्धि तथा शैक्षिक उपलब्धि (Academic Achievement ) का पता लगाकर अध्यापक यह जानने में सक्षम होता है कि छात्र अपनी योग्यता अनुसार प्राप्तांक ला पा रहे हैं अथवा नहीं यदि उनकी मानसिक योग्यता के अनुरूप उपलब्धि नहीं है तो उनका उपचार किया जाता है।
4. शैक्षिक दुर्बलता का निदान (Diagnosis of educational weakness)– प्रायः यह देखने में आता है कि अधिक प्रतिभावान छात्र तथा मन्द बुद्धि छात्र पाठ्यक्रम के प्रति उदासीनता दिखाते हैं जिससे वे पढ़ने में कमजोर हो जाते हैं। अतः शिक्षक को ऐसे छात्रों का पता लगाकर उनकी शैक्षिक दुर्बलता को दूर करने का प्रयास करना चाहिये।
5. कक्षोन्नति (Class Promotion) — छात्रों को किसी कक्षा में प्रमोट करने से पहले उसकी बुद्धि-लब्धि का पता लगाकर ही निर्णय करना चाहिये ताकि आगे चलकर उनको पाठ्यक्रम बोझ (burden) न लगे।
6. कक्षा अनुशासन (Maintaining Discipline in Classroom)– प्रायः देखने में आता है कि अधिक तीव्र बुद्धि तथा अधिक मन्द बुद्धि छात्र कक्षा में अध्यापक के शिक्षण स्तर से सन्तुष्ट नहीं होते हैं तथा कक्षा में उदण्डता करते हैं। ऐसे छात्रों की पहचान करके शिक्षकों को ऐसे छात्रों पर विशेष ध्यान देकर उनकी जिज्ञासा को शान्त करने का प्रयास करना चाहिये।
7. शैक्षिक निर्देशन (Educational Guidance)- बच्चों को उनके मानसिक स्तर के अनुसार विभिन्न पाठ्यक्रम चुनने के लिए निर्देशन दिया जा सकता है।
8. व्यावसायिक निर्देशन (Vocational Guidance)- विभिन्न व्यवसाय अथवा पद (Post) के लिए न्यूनतम बौद्धिक स्तर की आवश्यकता होती है। परीक्षण के आधार पर उनको व्यावसायिक निर्देशन दिया जाता है ।
9. अभिभावकों के लिए निर्देशन (Guidance for Guardians)— छात्रों के अभिभावकों को छात्रों के बुद्धि स्तर का ज्ञान कराने से उन्हें इस बात का परामर्श दिया जा सकता है कि उनके बच्चे किस पाठ्यक्रम में अधिक सफल होंगे।
10. शिक्षक के कार्य की जाँच (Judging Teacher Work) — बालकों की बुद्धि-लब्धि तथा शैक्षिक लब्धि के आधार पर शिक्षक के कार्य का मूल्यांकन भी किया जा सकता है।
11. भविष्यवाणी करना (Prediction)- बुद्धि-लब्धि के आधार पर छात्रों की किसी क्षेत्र विशेष में भावी सफलता की भविष्यवाणी की जा सकती है।
12. छात्रवृत्ति देने का निर्णय करने में सहायता (Help Deciding to Award a Scholarship)- इन परीक्षाओं से बुद्धि-परीक्षण करके योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति देने में सहायता ली जा सकती है।
13. शिक्षा में अपव्यय का निवारण (Prevention of wastage in education)- प्रायः विद्यालयों में अनेक बालक परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण होने पर पढ़ाई स्थगित कर देते हैं। इसलिए इस अपव्यय को दूर करने के लिए बुद्धि-परीक्षाणों द्वारा बालकों की योग्यताओं का ज्ञान प्राप्त करके, उन्हें पाठ्यविषयों का चुनाव करने में सहायता दी जा सकती है।
14. अनुसन्धान के क्षेत्र में सहायता (Assistance in research) - शिक्षा एवं मनोविज्ञान के क्षेत्र में होने वाले अनुसंधानों में भी इसका प्रयोग किया जाता है विशेषकर बुद्धि से सम्बंधित कारकों की खोज करने में एवं मनोवैज्ञानिक गुणों के बारे में ज्ञात करने में इनका प्रयोग किया जाता है ।
15. सैन्य क्षेत्र में उपयोग (Use in military) - सैन्य क्षेत्र में सैनिकों एवं सैन्य अधिकारियों के चयन में भी इनका उपयोग बहुत पहले से किया जा रहा है । प्रथम विश्वयुद्ध में थर्स्टन ने सैनिकों की भर्ती हेतु आर्मी एल्फा तथा आर्मी बीटा बुद्धि परीक्षण का प्रयोग किया था ।
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