Monday, July 5, 2021

विचलन बुद्धि-लब्धि (Deviation Intelligence Quotient)

 विचलन बुद्धि-लब्धि (Deviation Intelligence Quotient)

बुद्धि - लब्धि बच्चों की बुद्धि को अभिव्यक्त करने का एक बहुत महत्वपूर्ण माध्यम है। मानसिक आयु 16 - 17 वर्ष की अवस्था में पूर्ण  हो जाती है क्योंकि मनोवैज्ञानिकों का मत है कि 16 - 17 की उम्र में व्यक्ति की बुद्धि का विकास पूर्ण हो जाता है लेकिन शरीरिक आयु लगातार बढ़ती रहती है। अतः बुद्धि-लब्धि के सूत्र से 16 - 17 वर्ष की आयु के बाद बुद्धि- लब्धि निरंतर घटती जाती है जो वास्तिवकता से परे है।

उदा०- यदि किसी व्यक्ति की वास्तविक आयु 34 वर्ष तथा मानसिक आयु 17 वर्ष है तो उसकी  बुद्धि लब्धि होगी-

I.Q.   =   (MA/CA) ×100 = (17/34)× 100 =  50

अतः वयस्क  व्यक्ति की I.Q. इस सूत्र की गणना करने से परिणाम में त्रुटि आती है। 

  • सर्वप्रथम वैशलर (Weschler) ने प्रौढ़ व्यक्तियों की I.Q.  मापने की समस्या के निवारण करने के लिए विचलन I.Q.  का प्रत्यय प्रस्तुत किया।
  • किसी व्यक्ति की बुद्धि लब्धि परीक्षण पर निष्पादन (Performance) की उसकी समान उम्र के अन्य व्यक्तियों की उसी परीक्षण पर औसत निष्पादन से तुलना करके विचलन I.Q.  की गणना की जाती है।
  • विचलन IQ (DIQ) द्वारा किसी व्यक्ति के प्राप्तांकों की व्याख्या उसके समान उम्र के लोगों पर तैयार किये गये मानकों के आधार पर की जाती है।
DI.Q. =  x̄ ± σ

x̄ = Mean or Average

σ = Standard Deviation

किसी  व्यक्ति की DIQ यह दर्शाती है कि 100 की औसत IQ से उसके विचलन का माप क्या है। (Deviation IQ is a measure of how far some one deviate from the average 1.Q. of hundred) विचलन बुद्धि-लब्धि एक मानक प्राप्तांक है । अतः विचलन बुद्धि-लब्धि ज्ञात करने के लिए पहले मानक प्राप्तांक ज्ञात करते हैं फिर उसे एक मापनी जिसका मध्यमान 100 तथा मानक विचलन 15 होता है में बदला (convert) जाता है और उसके अनुरूप उसकी व्याख्या की जाती है। 

 किसी छात्र ने एक बुद्धि परीक्षण पर 45 अंक प्राप्त किये तथा उसी परीक्षण पर उसकी आयु के 100 छात्रों के प्राप्तांकों का मध्यमान (Mean) 30 तथा मानक विचलन ( Standard Deviation) 10 है तो उस छात्र का

 मानक प्राप्तांक (Standard Score)=  (X-M)/S.D. = (45-30)/10 = 1.5 

इस छात्र का विचलन बुद्धि की मापनी (Scale) जिसका मध्यमान 100 है तथा मानक विचलन 10 है, पर प्राप्तांक 100 से  σ =  1.5×10 =15 ऊपर अर्थात् DI.Q. =100+15 = 115 होगा।

निष्कर्ष के तौर पर कहा जा सकता है। प्रौढ़ व्यक्तियों की बुद्धि-लब्धि के मापन में होने वाले दोषों को विचलन बुद्धि-लब्धि के द्वारा दूर किया जा सकता है।























No comments:

Post a Comment

Please follow, share and subscribe

मनोविज्ञान के सम्प्रदाय (Schools of Psychology)

मनोविज्ञान के सम्प्रदाय (Schools of Psychology) मनोविज्ञान के सम्प्रदाय से अभिप्राय उन विचारधाराओं से है जिनके अनुसार मनोवैज्ञानिक मन, व्यवह...