शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology)
शिक्षा मनोविज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है शिक्षा और मनोविज्ञान। पहले शिक्षा के बारे में जानना आवश्यक है।
शिक्षा का अर्थ है- बालक की अंतर्निहित शक्तियों एवं गुणों को आगे बढ़ाना और विकसित करना।
परंतु शिक्षा के वास्तविक स्वरूप के अवलोकन से ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि शिक्षा द्वारा बालक के अंतर्निहित शक्तियों एवं गुणों का विकास ही नहीं होता बल्कि बाहर से भी उसमें शक्तियों एवं गुणों का विकास किया जाता है यह लैटिन भाषा की दूसरे शब्द Educare के अर्थ के विश्लेषण से प्रतीत होता है। Educare का अर्थ है - पोषित करना, विकसित करना एवं अंतर्निहित शक्तियों को आगे बढ़ाना।
गांधीजी के अनुसार - शिक्षा से मेरा अभिप्राय बालक और मनुष्य की शरीर मन और आत्मा के सर्वांगीण एवं सर्वोत्तम विकास से है। (By Education I mean an allround drawing out of the best, in the child and man- body, mind and spirit.)
बीएन झा के अनुसार- शिक्षा एक प्रक्रिया है और एक सामाजिक कार्य हैं जिसे कोई समाज अपने हित के लिए करता है। (Education is the process, a social function carried on the by the society for its own sake.)
प्लेटो के अनुसार- "शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक विकास की प्रक्रिया ही शिक्षा है।" (Education is a process of physical, mental and intellectual development." -Plato)
पेस्टलोजी के अनुसार- मनुष्य की शक्तियों का स्वाभाविक, समरस और प्रगतिशील विकास है।(Education is natural, harmonious and progressive development of mans innate powers.)
शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology)
शिक्षा के क्षेत्र में मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण का आरंभ पेस्टलोजी, हरबर्ट और फ्रोबेल के प्रयत्नों से हुआ। शिक्षा शास्त्रियों ने शिक्षा को मनोवैज्ञानिक बनाने का प्रयास किया किंतु शिक्षा में मनोवैज्ञानिक आंदोलन का सूत्रपात करने वाला प्रकृतिवादी शिक्षा शास्त्री रूसो था। उसने शिक्षा शास्त्रियों का ध्यान शिक्षा तथा पाठ्य विषय से हटाकर बालक की ओर केंद्रित किया और इस बात पर बल दिया कि शिक्षा बालक की प्रवृतियो (Trends) रूचियों (Interests) योग्यताओं (Abilities) तथा उनके विकास की विभिन्न अवस्थाओं के अनुसार दी जाए।
शिक्षा मनोविज्ञान के जनक एडवर्ड ली थार्नडाइक माने जाते हैं।
अर्थ (Meaning)- शिक्षा एक सामाजिक प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य मानव व्यवहार में परिवर्तन लाना है और मनोविज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जिसका संबंध व्यवहारिक परिवर्तनों से है यह सामान्य मनोविज्ञान का व्यवहारिक रूप है दोनों का संबंध व्यवहार से है शिक्षा, मनोविज्ञान का आधार है।
सामान्यतः शिक्षा की समस्याओं को समझने एवं उनका समाधान करने में मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों एवं नियमों के प्रयोग के ज्ञान या विद्या को शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology) कहते हैं।
परिभाषायें (Definitions)
कोल्सनिक के अनुसार- शिक्षा मनोविज्ञान, शिक्षा के क्षेत्र में खोजो एवं सिद्धांतों का प्रयोग हैं ।(Educational Psychology is the the application of the findings and the theories of psychology in the field of education.)
बीएफ स्किनर के अनुसार - 1. शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसका संबंध अध्ययन तथा सीखने से है।
2. शिक्षा मनोविज्ञान अध्यापकों की तैयारी की आधारशिला है।
3. शिक्षा से जुड़े सभी व्यवहार तथा व्यक्तित्व शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत आते हैं ।
4. शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र में उन सभी ज्ञान और विधियों को शामिल किया जाता है जो सीखने की प्रक्रिया को अधिक अच्छी प्रकार से समझने और अधिक कुशलता से निर्देशित करने के लिए है।
5. मानव व्यवहार का शैक्षिक परिस्थितियों में अध्ययन करना ही शिक्षा मनोविज्ञान है।
" शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों में मनोविज्ञान की उन खोजों का प्रयोग करता है जो मुख्य रूप से मनुष्य के अनुभवों और व्यवहार से संबंधित है।"
क्रो एंड क्रो के अनुसार- शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक अधिगम के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करना है ।(Educational psychology describes and explains the learning experiences of an individual from birth to old age.)
थॉर्नडाइक के अनुसार- शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षा से संबंधित संपूर्ण व्यवहार और व्यक्तित्व आता है।
"शिक्षा मनोविज्ञान वह विज्ञान है जिसमें मनोविज्ञान में की गई खोजों, बनाए गए सिद्धांतों एवं नियमों का शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग करके शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली बनाने का प्रयास किया जाता है । इसमें छात्र की अभिवृद्धि व विकास एवं मानसिक, शारीरिक, संवेगात्मक तथा सृजनात्मक क्षमताओं आदि का अध्ययन तथा मापन किया जाता है।"
शिक्षा मनोविज्ञान की आवश्यकता एवं महत्व (Need and Importance of Educational Psychology)
- बालक की स्वभाव का ज्ञान प्रदान करने हेतु।
- बालक को अपने वातावरण से सामंजस्य स्थापित करने हेतु।
- शिक्षा के स्वरूप उद्देश्यों और प्रयोजनों से परिचित कराना।
- सीखने और सिखाने के सिद्धांतों और विधियों से अवगत कराना।
- शिक्षक प्रबंधकों एवं प्रशासकों का मुख्य कार्य शिक्षा प्रबंध करना तथा उसकी व्यवस्था करने और उसे सुचारू रूप से चलाने के लिए इसकी आवश्यकता है।
- अभिभावकों को बच्चों की बुद्धि, अभिक्षमता एवं रुचियों को स्पष्ट करने के लिए इसकी आवश्यकता है।
- प्रधानाचार्यों को अपनी क्रियाओ में सुधार करने के लिए शिक्षा मनोविज्ञान की आवश्यकता है।
- शिक्षा के संप्रत्यय को समझने में सहायक।
- शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति एवं लक्ष्य निर्धारित करने में सहायक।
- पाठ्यचर्या के चयन एवं निर्माण में सहायक।
- शिक्षण विधियों के चयन एवं निर्माण में सहायक।
- शैक्षिक मापन एवं मूल्यांकन में सहायक।
- शिक्षकों को अपने आप को समझने में सहायक।
- विद्यार्थियों को समझने में सहायक।
- शैक्षिक एवं व्यवसायिक निर्देशन में सहायक।

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