Monday, August 3, 2020

सर्व शिक्षा अभियान (SSA)-2002


सर्व शिक्षा अभियान (SSA)-2002


समवेशी शिक्षा के सन्दर्भ में सर्व शिक्षा अभियान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सर्व शिक्षा अभियान एक ऐसा ऐतिहासिक प्रयास है जिसका उद्देश्य राज्यों की भागीदारी से समयबद्ध समेकित प्रयास द्वारा प्राथमिक शिक्षा को जन -जन तक पहुँचाने के संवैधानिक लक्ष्य को प्राप्त करना है यह एक ऐसा अभियान है जिससे देश के प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने की अपेक्षा की गयी है सर्व शिक्षा अभियान (SSA) भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसकी शुरूआत 2001-02 में श्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा एक निश्चित समयावधि में सही तरीके से प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण को प्राप्त करने के उद्देश्य से की गयी थी। जैसा भारत के संविधान के 86वें संशोधन द्वारा निर्देशित किया गया है कि 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुफ्त तथा अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान को उनका मौलिक अधिकार घोषित किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संतोषजनक गुणवत्ता वाली प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण को प्राप्तकरना है। यह आधारभूत शिक्षा  माध्यम से समानता व सामाजिक न्याय के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक प्रयास है  सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान शुरू किया है जिसका उद्देश्य 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के सभी  बच्चों के लिए 2010 तक 8 वर्ष की प्राथमिक स्कूली शिक्षा देना है। इन बच्चों में विकलांग बच्चे भी आते है। निशक्त बच्चों को सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत, कई शिक्षा विकल्प, शिक्षण साधन और उपकरण, आवागमन सहायता, अन्य सहायता सेवाएँ इत्यादि भी उपलब्ध कराई जा रही है। इससे मुक्त शिक्षा पद्धति और ओपन स्कूल, वैकल्पिक स्कूली शिक्षा, दूरवर्ती शिक्षा, विशेष स्कूल जहाँ आवश्यक है वहाँ गृह आधारित शिक्षा, अपचारी शिक्षा, अंशकालीन कक्षाएं, समुदाय आधारित पुनर्वास और व्यावसायिक शिक्षा शामिल है।

भारत में सर्व शिक्षा अभियान पर एक शिखर सम्मेलन दिसम्बर, 2002 को हुआ जिसमें विश्व के 9 अधिक जनसंख्या वाले देश - चीन, भारत, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, इजिप्ट, नाइजीरिया मेक्सिको तथा पाकिस्तान ने भाग लिया। यूनेस्को के अनुसार इन देशों में विश्व की 70 प्रतिशत जनसंख्या जिसमें 50 प्रतिशत स्कूल न जाने वाले बच्चे तथा 2/3 भाग असाक्षर थे। भारत में विश्व के 1/3 भाग साक्षर तथा 20 प्रतिशत स्कूल न जाने वाले बच्चे थे। इस सम्मेलन का  मुख्य उद्देश्य सभी के लिये शिक्षा अवसर प्रदान करता था।

सर्व शिक्षा अभियान के उद्देश्य (Objective of SSA)


सर्व शिक्षा अभियान के उद्देश्य निम्नलिखित हैं

1. वर्ष 2003 तक सभी सामान्य व बाधित बच्चों के लिये स्कूल शिक्षा गारण्टी केन्द्र, वैकल्पिक

स्कूल तथा बैक टू स्कूल शिविर की उपलब्धता

2. वर्ष 2007 में सभी सामान्य व बाधित बच्चे पाँच वर्ष की प्राथमिक शिक्षा देना।

3. वर्ष 2010 तक सभी सामान्य व बाधित बच्चे को आठ वर्ष की स्कूली शिक्षा पूरी कराना।

4. वर्ष 2010 तक सभी पढ़ने योग्य बच्चों को विद्यालय पहुँचाना।

5. सामाजिक न्याय व समानता के संवैधानिक लक्ष्य प्राप्त करना।

6. जीवनपयोगी व गुणात्मक प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने का अवसर प्रदान करना।

सर्व शिक्षा अभियान के कार्य (Functions of SSA)


1. विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान के लिये सर्वेक्षण करना।

2. विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का कार्यात्मक तथा अनौपचारिक आंकलन करना।

3. उनकी क्षमतानुसार उचित शैक्षिक व्यवस्था करना।

4. वैयक्तिक के आधार पर शैक्षिक योजना की योजना बनाना।

5. अशक्तों को सहायक उपकरण प्रदान करना।

6. समेकित शिक्षा के लिये शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।

7. संसाधन अध्यापकों की नियुक्ति करना।

8 समावेशी शिक्षा की योजना बनाना तथा प्रबंधन करना।

9 अभिभावकों को प्रशिक्षण एवं समुदाय को इस कार्य के लिये सक्रिय  करना।

10. संसाधन केन्द्र के रूप में नियमित विद्यालयों की आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिये विशेष विद्यालयों को सुविधा सम्पन्न बनाना।

11. विद्यालयों में बाधारहित प्रवेश की सुविधा प्रदान करना।

12 समेकित शिक्षा की प्रकृति पर नियंत्रण एवं मूल्यांकन करना।

13. अनेक राज्यों में अक्षम छात्रों की शिक्षा व्यवस्था घर पर की जा रही है तथा इस गृह आधारित शिक्षा के लिये स्वयं सेवकों का प्रयोग हो रहा है।

13. कुछ राज्यों में इन छात्रों के समायोजन व शिक्षा का कार्य शिक्षा गारण्टी योजना द्वारा किया जा  रहा है।


सन्दर्भ ग्रन्थ सूची 

  • ठाकुर , यतीन्द्र (2019 ), समावेशी शिक्षा , अग्रवाल पब्लिकेशन , आगरा 
  • सिंह , मदन, समावेशी शिक्षा , आर० लाल ०  पब्लिकेशन , मेरठ 
  • नारंग , एम ० के ० (2016 ) समावेशी शिक्षा , अग्रवाल पब्लिकेशन , आगरा 

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