Sunday, November 15, 2020

मनोविज्ञान के क्षेत्र एवं शिक्षा को देन(Scope and Contribution of Psychology)

 मनोविज्ञान के क्षेत्र 
(Scope of Psychology)

 इसके प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं-

(1) सामान्य मनोविज्ञान (Normal Psychology)- इसमें साधारण परिस्थितियों में सामान्य व्यक्तियों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।

(2) असामान्य मनोविज्ञान (Abnormal Psychology)- इसमें असाधारण व्यक्तियों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार के असाधारण व्यक्तियों के अन्तर्गत मानसिक रोगग्रस्त व्यक्ति तथा बौद्धिक या शारीरिक दोषयुक्त व्यक्ति या बालक आते हैं।

(3) बाल मनोविज्ञान (Child Psychology)- इसमें बालकों के व्यवहार का साधारण तथा असाधारण परिस्थितियों में अध्ययन किया जाता है। इसके अंतर्गत जन्म के पूर्व (गर्भावस्था) से उनकी परिपक्वता (Maturity) तक शारीरिक एवं मानसिक विकास का अध्ययन होता है।

(4) किशोर मनोविज्ञान (Adolescent Psychology)- इसमें बाल्यावस्था (लगभग 12 वर्ष की आयु के बाद किशोर व्यक्ति (लगभग 21 वर्ष की आयु) के शारीरिक, मानसिक, व्यक्तिगत और सामाजिक विकास का अध्ययन किया जाता है।

(5) वैयक्तिक मनोविज्ञान (Individual Psychology)- सभी व्यक्ति एक समान नहीं होते। इसमें व्यक्ति की वैयक्तिक विशेषताओं तथा विभिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है।

(6) समाज मनोविज्ञान (Social Psychology)- इसमें विभिन्न सामाजिक परिस्थितियों में, व्यक्ति और समाज की पारस्परिक क्रियाओं (Interactions) का अध्ययन किया जाता है जैसे- एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के साथ तथा बहुत से व्यक्ति मिलकर समूह रूप में किस प्रकार का व्यवहार करते हैं। समाजशास्त्र की शाखा के रूप में यह सामूहिक कार्यों या समूहों के व्यवहारों का अध्ययन करता है। 

(7) पशु मनोविज्ञान (Animal Psychology)- इसमें पशुओं की क्रियाओं और व्यवहारों का अध्ययन नियंत्रित वातावरण में किया जाता है। इनसे प्राप्त सिद्धान्तों द्वारा मानव-मनोविज्ञान के अध्ययन में सहायता मिलती है। 

(8) प्रयोगात्मक मनोविज्ञान (Experimental Psychology)- इसमें प्राणियों के व्यवहार का प्रयोगात्मक अध्ययन किया जाता है। इसके अंतर्गत विशेष रूप से संवेदन, प्रत्यक्षीकरण, संवेग, सीखना, स्मरण-विस्मरण आदि क्रियाओं का अध्ययन होता है। इन प्रयोगों द्वारा प्राप्त नियमों का विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है। 

(9) विश्लेषणात्मक मनोविज्ञान (Analytical Psychology)- इसमें मानव मस्तिष्क की जटिल प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।

(10) उत्पत्तिमूलक मनोविज्ञान (Genetic Psychology)- इसमें व्यक्ति तथा प्रजाति की उत्पत्ति और उनके क्रमिक विकास का अध्ययन किया जाता है।

(11) विकास मनोविज्ञान (Developmental Psychology)- इसमें व्यवहार तथा मानसिक क्रियाओं का एक क्रम से अध्ययन किया जाता है और क्रमिक विकास के कारणों का विश्लेषण किया जाता है तथा व्यक्तियों के विकास का तुलनात्मक अध्ययन करके उनके अन्तर के कारणों का पता लगाया जाता है। 

(12) शारीरिक मनोविज्ञान (Physiological Psychology)- मानसिक क्रियाओं का शारीरिक क्रियाओं से अभिन्न सम्बन्ध है। शारीरिक मनोविज्ञान में मानसिक क्रियाओं और नाड़ीमंडल (Nervous System), ज्ञानेन्द्रियों (Sense Organs) तथा गति इन्द्रियों ( Motor Organs) की क्रियाओं का अध्ययन होता है। 

(13) प्रौढ़ मनोविज्ञान (Adult Psychology)- इसमें केवल प्रौढ़ व्यक्तियों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।

(14) सैन्य मनोविज्ञान (Military Psychology)- प्रथम विश्व युद्ध के समय से ही इसका प्रारम्भ हुआ। वास्तव में यह व्यवहार मनोविज्ञान की एक विशिष्ट शाखा है। सेना के विभिन्न प्रकार के सैनिकों और अधिकारियों के चुनाव में, उनके प्रशिक्षण में, उनकी पदोन्नति में तथा उनके स्थानान्तरण में मनोविज्ञान बहुत ही उपयोगी है।

(15) औद्योगिक मनोविज्ञान (Industrial Psychology)- यह उद्योग, व्यापार, वाणिज्य सम्बन्धी क्रियाओं का अध्ययन करता है। इसमें उत्पादन वृद्धि की समस्या तथा मजदूर समस्याओं का अध्ययन करके, उनके समाधान के उपाय बताए जाते हैं।

(16) कानूनी मनोविज्ञान (Legal Psychology)- इसमें अपराधियों, न्यायाधीशों, वकीलों, गवाहों आदि के व्यवहारों और क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।

(17) चिकित्सा मनोविज्ञान (Clinical Psychology)- इसमें मानसिक रोगग्रस्त व्यक्तियों के असाधारण व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है और उनके कारणों का पता लगाकर उपचार करने का प्रयत्न किया जाता है। 

(18) शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology)- आधुनिक समय में शिक्षा और मनोविज्ञान का घनिष्ठ सम्बन्ध है। शिक्षा का उद्देश्य बालक के व्यक्तित्व का पूर्ण विकास करना है। बाल विकास का अध्ययन मनोविज्ञान करता है। मार्गन महोदय के शब्दों में, "बालक के विकास का अध्ययन हमें यह जानने योग्य बनाता है कि क्या पढ़ाएँ और कैसे पढ़ाएँ? शिक्षा मनोविज्ञान में छात्रों की अध्ययन सम्बन्धी तथा शिक्षकों की अध्यापन सम्बन्धी समस्याओं का अध्ययन किया जाता है।

मनोविज्ञान की शिक्षा को देन (Contribution of Psychology)


  • मनोविज्ञान ने शिक्षा को सूक्ष्म व व्यापक आयाम प्रदान करके व्यक्ति विकास में सार्थक बनाया है।

  • शिक्षा व मनोविज्ञान को जोड़ने वाली कड़ी  मानव व्यवहार है।

  • मनोविज्ञान में छात्रों की क्षमताओं एवं विभिन्नताओं का विश्लेषण करके शिक्षा में योगदान दिया है। 

  • 'मनोविज्ञान शिक्षा का आधारभूत विज्ञान है।'- स्कीनर

  • शिक्षा की प्रक्रिया मनोविज्ञान की कृपा पर निर्भर है। - बी.एन.झा

  • शिक्षा को बाल केन्द्रित बनाना।

  • बालक की अवस्थाओं को महत्त्व देना। 

  • रुचियों व मूल प्रवृत्तियों को महत्त्व देकर शिक्षण प्रदान करना ।

  • बालक के सर्वांगीण विकास के लिए पाठ्य सहगामी क्रियाओं को महत्त्व देता है। 

  • निदानात्मक परीक्षाओं का प्रयोग करके मापन व मूल्यांकन की नयी विधियों का निर्माण करना।

  • डाल्टन, मॉण्टेसरी इत्यादि खेल आधारित विधियों को महत्त्व देना। 

  • आत्मानुशासन की धारणा प्रदान करना।

  • मनोविज्ञान शिक्षा के उद्देश्य की प्राप्ति में योगदान देता है।

  • सीखने की प्रक्रिया के उन्नति में सहायक है।

  • व्यक्तिगत विभिन्नताओं को महत्त्व देना।

  • मनोविज्ञान की सबसे बड़ी देन नवीन ज्ञान का विकास पूर्व ज्ञान के आधार पर किया जाना चाहिए यह है।

  • शिक्षा मनोविज्ञान सीखने के विकास की व्याख्या करता है।




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